मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में खालापार गहरा बाग स्थित भूमि पर चल रहे मुकदमे में पैरोकारी करने वाले अधिवक्ता व उनकी पत्नी को 1 करोड़ की धोखाधड़ी में कोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। दोनों पक्षों के बीच हुए लिखित समझौते की जानकारी कोर्ट को दिये जाने के बाद दंपती को राहत मिली है। पुलिस को भी मुकदमा समाप्त करने का सहमती पत्र वादी की और से दे दिया गया है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अबुपुरा निवासी मौ. नैयर पुत्र मौ. हसनैन ने एसएसपी के आदेश पर थाना सिविल लाइन में दो माह पहले मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि गहरा बाग की 67 बीघा भूमि पर कई सालों से उनका मुकदमा चल रहा है। वह कई अदालतों में मुकदमा जीत चुके हैं। नई मंडी भोपा रोड निवासी एड. रंजन मित्तल उनके मुकदमों में पैरोकारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमों में उनके अधिवक्ता दिल्ली के अजय कुमार अग्रवाल हैं। बताया कि उनसे उन्हें 1 करोड़ रुपये आने थे। 2014 में उन्होंने उनके एक करोड़ रुपये का चेक एड. रंजन मित्तल को देने की कहते हुए कहा थी उनसे प्राप्त कर लेना। बताया कि अजय कुमार अग्रवाल ने नवंबर 2014 में एचडीएफसी बैंक का उनके नाम का एक करोड़ रुपये का चेक अजय कुमार अग्रवाल दिया। 25 नवंबर 2014 को रंजन मित्तल एडवोकेट ने उन्हें अपने घर बुलाकर बताया कि उनका चेक प्राप्त हो गया है और वह उनका खाता टाऊन हाल रोड बैंक आफ इंडिया शाखा के खाते में खुलवा देंगे।
मौ. नैयर ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि एड. रंजन मित्तल ने बैंक आफ इंडिया शाखा टाऊन हाल के मैनेजर से मिलीभगत कर उनके नाम खुलवाए खाते में धोखाधड़ी से अपना नाम ज्वाइंट खातेदार की हैसियत से शामिल करा लिया था। आरोप था कि इसके बाद रंजन मित्तल ने एचडीएफसी बैंक का उनके नाम आया 1 करोड़ की धनराशि का चेक बैंक खाते में लगाकर सारा रुपया पत्नी नीता मित्तल के अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया था।
रंजन मित्तल तथा उनकी पत्नी व एक अन्य के विरुद्ध थाना सिविल लाइन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस बीच दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। समझौतानामे की लिखित प्रति पुलिस को भी सौंप दी गई। वादी पक्ष ने मुकदमा वापस लेने पर भी सहमती दे दी। जिसके बाद रंजन मित्तल तथा पत्नी नीता मित्तल की और से जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए जिला जज चवन प्रकाश ने दोनों की अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली।