मुजफ्फरनगर। मामले की एफआईआर पीड़िता की पुत्रवधू ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि बुजुर्ग महिला लकड़ी लेने के लिए जंगल गई थी। वहां उसके साथ तमंचे का डर दिखाकर रेप किया गया। इस मामले में गांव के इमरान पुत्र वकील को आरोपी बनाया गया था।

रेप की घटना के बाद 4 दिन तक पीड़िता चुप रही थी। उसने घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था। घटना के 4 दिन बाद बुजुर्ग महिला ने अपनी पुत्रवधू से मामले का जिक्र किया था। इसके बाद पीड़िता की पुत्रवधू ने थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता हसन मोहसिन ज़ैदी ने बताया कि 1 साल पहले हुई इस घटना के मामले में विशेष एससीएसटी कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी थी। उन्होंने बताया कि आरोपी तब से जेल में बंद था। इसके बाद एससीएसटी कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार के समक्ष जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए उन्होंने आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार शाम आरोपी जेल से रिहा हो गया। उन्होंने बताया कि गोपनीय बयान के दौरान पीड़िता ने आरोपी का नाम नहीं लिया था।