मुजफ्फरनगर। लोन के बदले बंधक रखी संपत्ति को गलत तरीके से बैंक अधिकारियों पर अपने परिचित को नीलाम करने का आरोप लगाया गया। एसएसपी के आदेश पर सीओ नई मंडी ने जांच की। इसके बाद बैंक प्रबंधक, रिकवरी अधिकारी और खरीदार समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
नई मंडी कोतवाली की गांधी कॉलोनी निवासी रोहिणी त्यागी ने एसएसपी के आदेश पर मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। लिखाया कि उन्होंने मैसर्स रोहिणी इंडस्ट्रीज के नाम की फर्म के लिए पंजाब नेशनल बैंक की गांधी कालोनी शाखा से कैश क्रेडिट फैसेलिटी तथा टर्म लोन लिए थे। शिवनगर की संपत्ति को बंधक बनाया था।
कोरोना के चलते वह समय पर बैंक की किश्त जमा नहीं कर पाई। चार सितंबर 2022 को बंधक संपत्तियों की नीलामी के लिए 14 अक्तूबर तय कर दी और संपत्ति को गौत्तमबुद्धनगर निवासी कपिल कुमार मलिक के पक्ष में नीलाम कर दिया।
आरोप है कि रिकवरी अधिकारी जसविंद्र सिंह ने अधीनस्थ अधिकारी आशीष कुमार और शाखा प्रबंधक आशुतोष मिश्रा के साथ साजिश कर ऐसा किया है। कपिल कुमार मलिक की संपत्ति के साथ फोटो लगी हुई है। यह फोटो 23 अगस्त 2022 में खीचीं गयी थी। आरोप है कि जिस दिन की फोटो बैनामे पर लगी है, उस दिन तक संपत्ति की नीलामी की कार्रवाई शुरू नहीं हुई थी। नीलामी की कोई तिथि नियुक्त भी नहीं हुई थी। पीड़िता का आरोप है कि एक अन्य संदेश कुमार व उनकी शलज बबीता की करोड़ों की सपंत्ति को ओने-पोने दामों में ही कपिल कुमार मलिक के पक्ष में ही नीलाम की है। संदेश कुमार की भी संपत्ति बैंक के पक्ष में बंधक थी। आरोपी लोग सिंडीकेट बनाकर ऐसा कर रहे हैं।
पीड़िता की शिकायत की सीओ नई मंडी ने जांच की थी। सीओ मंडी रुपाली रॉय ने बताया कि उन्होंने मामले में जांच की थी। नई मंडी कोतवाली पुलिस ने रिकवरी अधिकारी जसविंद्र सिंह, आशीष कुमार, शाखा प्रबंधक आशुतोष मिश्रा व संपत्ति खरीदार कपिल कुमार मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।