मुजफ्फरनगर। जिले की दो चीनी मिलों पर किसानों का अभी भी 200 करोड़ रुपया बकाया है। इनमें चीनी मिल भैसाना पर 181 करोड़ और सहकारी चीनी मिल मोरना पर 19 करोड़ बकाया है। पेराई सत्र 15 अक्तूबर से प्रारंभ हो जाता है, इससे पहले समस्त गन्ना भुगतान विभाग के लिए चुनौती बना है।
जिले की आठ चीनी मिलों में छह चीनी मिल टिकौला, खतौली, खाईखेड़ी, रोहाना, मंसूरपुर, तितावी किसानों का समस्त भुगतान कर चुकी हैं। केवल दो चीनी मिल ऐसी हैं जिन पर अभी भी बकाया है। सरकार और प्रशासन बार-बार यह बात कह रहे हैं कि नए पेराई सत्र से पहले किसानों का समस्त भुगतान हो जाएगा। गन्ना विभाग में पेराई सत्र का शुभारंभ 15 अक्तूबर से होता रहा है। ऐसी स्थिति में सत्र शुरू होने में केवल 20 दिन बाकी रह गए हैं। जिले की दो चीनी मिलों भैसाना और मोरना चीनी मिल पर अभी भी 200 करोड़ बकाया हैं। इसमें 181 करोड़ भैसाना और 19 करोड़ मोरना चीनी मिल पर बकाया है। बीते वर्ष भैसाना चीनी मिल ने जब भुगतान नहीं किया तो शासन ने बजाज ग्रुप का विद्युत भुगतान रोककर उससे किसानों भुगतान किया था।
बजाज की पावर ग्रिड है, जिससे सरकार बिजली खरीदती है। चीनी मिल पर 181 करोड़ का बड़ा भुगतान रुका है। मोरना चीनी मिल जिले की एकमात्र सहकारी चीनी मिल है। इसका भुगतान सरकार को करना है। सरकार के भुगतान में देरी करने से विपक्ष को यह अवसर मिला हुआ है कि सरकार अपनी ही चीनी मिल का भुगतान नहीं कर पाई है। हालांकि जिले के किसानों ने इस बार चीनी मिलों में लगभग 3400 करोड़ का गन्ना डाला था, जिसमें केवल 200 करोड़ ही बकाया है।
नए सत्र से पहले भुगतान का प्रयास
जिला गन्ना अधिकारी आरडी द्विवेदी ने बताया कि सत्र से पहले ही दोनो चीनी मिल भुगतान कर देगी। हम लगातार दबाव बनाए हुए हैं। नए सत्र की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है।