कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले और मवेशियों की तस्करी घोटाले की जांच के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मीडिया को ही इसके लिए कोसा। उन्होंने कहा कि मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए क्योंकि वे गुमराह करते हैं। ममता राज्य के नए सचिवालय भवन का एक ब्लाक न्याय विभाग को सौंपने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव से तीन से चार साल से लंबित अदालती मामलों को हल करने का भी आग्रह किया और साथ ही अधिक महिला न्यायाधीशों को लाने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और टीएमसी बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद दैनिक मीडिया रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा, कृपया कोई मीडिया ट्रायल न करे। दोस्तों, हमें बदनाम करने की कोशिश मत करो। इसके बजाय, वास्तविक समाचार पेश करें। उन्होंने कहा कि न्याय कभी भी एकतरफा नहीं हो सकता, यह निष्पक्ष है। लोकतंत्र में न्यायपालिका और मीडिया महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। यदि कोई विश्वसनीयता खो देता है, तो दूसरे स्तंभ भी प्रभावित होते हैं।”

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि केवल एक अनुरोध है कि कई मामले 3-4 साल से लंबित हैं, उन्हें हल करें। मुझे पता है कि आप अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें मंजूरी मिलनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने अधिक महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की भी बात कही।

कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को पिछले महीने भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले में कथित रूप से अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने घोटाले में छापेमारी के सिलसिले में करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, आभूषण और सोने के बिस्कुट बरामद किए हैं। चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मंत्री के रूप में हटा दिया गया और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया।