क्रिकेट विश्व कप से पहले ऑनलाइन सट्टे के नाम पर रकम हड़पने वाले विदेशी ठगों पर आगरा कमिश्नरेट की साइबर सेल ने बड़ी कार्रवाई की है। ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले गेमिंग-बेटिंग के 9 एप और 27 वेबसाइट ब्लॉक कर दिए गए हैं।

भारतीयों को ठगने के लिए एप और बेबसाइट चीन सहित अन्य विदेशी सर्वर पर संचालित हो रहे थे। जिनके जरिये लोगों को शुरुआत में जीत की रकम देकर झांसे में लिया जाता था। इसके बाद बड़ी रकम लेने के बाद ठगी की जाती थी।

पुलिस ने 6 हजार बैंक और 18 हजार वर्चुअल खातों को फ्रीज कर 4.2 करोड़ रुपये होल्ड कराए हैं। इनमें एक साल में 1600 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। रकम क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश ट्रांसफर की जाती थी।

पुलिस लाइन में बुधवार को सट्टेबाजी के ऑनलाइन खेल की लाइव डेमो के साथ पुलिस ने जानकारी दी। प्रेसवार्ता करते हुए पुलिस आयुक्त डाॅ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी का पूरा खेल विदेशी सर्वर से चल रहा है। पुलिस को पता चला था कि स्टार इंडिया कंपनी के अधिकृत हॉस्टार, लाइव कंटेंट, लाइव गेम को थर्ड पार्टी एप एकबैट व वेब पोर्टल के माध्यम से चोरी कर दिखाए जाते हैं।

इस संबंध में जून में थाना शाहगंज में मुकदमा लिखा गया था। साइबर सेल की टीम तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक गई। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि चीन, वियतनाम, फिलिपींस, रूस आदि के सर्वर के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है। अवैध बेटिंग, गेमिंग कराकर किराये के बैंक और वर्चुअल खातों से करोड़ों की रकम ट्रांसफर की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के मामले की जांच में खुलासा हुआ कि विदेशी ठग एप और वेबसाइट का लिंक इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, सिग्नल एप पर भेजते थे। डाउनलोड करने पर सब्सक्रिप्शन फीस के रूप में 500 रुपये तक लिए जाते थे।

इसके बाद लाइव क्रिकेट मैच, फुटबॉल, रग्बी खेल दिखाकर रकम लगवाई जाती थी। पुलिस ने गृह मंत्रालय सहित सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से संपर्क किया। इसके बाद एप और साइटों को बंद कराया गया। पुलिस ने यह भी बताया कि एक वेबसाइट बंद होने पर साइबर अपराधी सप्ताह भर में नई तैयार कर लेते हैं। इसलिए पुलिस इन पर लगातार कार्रवाई कर रही है।

साइबर सेल ने जब कड़ी से कड़ी जोड़ने की कोशिश की तो ऐसे लोग भी मिले, जिनके खातों से 70 से 80 लाख रुपये जमा कराए गए थे। शुरुआत में इन लोगों को रकम दी गई थी। मगर, बाद में ज्यादा रकम लगाने पर कोई पैसा नहीं मिला। ऑनलाइन एप चलने के दौरान लगने वाली रकम को भी दिखाया जाता था।

साइबर सेल के प्रभारी सुल्तान सिंह ने बताया कि लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग से बचना चाहिए। मोबाइल पर आने वाले लिंक पर क्लिक नहीं करें। अगर, कोई घर बैठे रुपये कमाने का लालच दे रहा है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। इसलिए झांसे में नहीं आए।

खुलासा करने वाली टीम में साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह, निरीक्षक पुष्पेंद्र कुमार, थाना शाहगंज के प्रभारी निरीक्षक आलोक सिंह, साइबर सेल के एसआई सुबोध मान, सचिन धामा, मुख्य आरक्षी विजय तोमर, मनोज कुमार, सनी कुमार कर्मवीर सिंह, धर्मेंद्र कुमार आदि शामिल रहे। पुलिस आयुक्त ने टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया है।