मुजफ्फरनगर। गौतमबुद्धनगर में किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने मंगलवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में आपातकालीन पंचायत का आयोजन किया।
किसानों की राजधानी माने जाने वाले सिसौली स्थित भाकियू के राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित इस पंचायत की अगुवाई भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने की। पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों भाकियू नेता और किसान मौजूद रहे।
गौतमबुद्धनगर में भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा दलित प्रेरणा स्थल से किसानों की गिरफ्तारी ने भाकियू को उग्र कर दिया है। नरेश टिकैत ने इस घटना को तानाशाही करार देते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की है, लेकिन हम इसे सफल नहीं होने देंगे। अगर कोई वार्ता नहीं हुई, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उन्होंने कहा कि महिला किसानों को पुलिस ने लाठी-डंडों से घसीटा है। यह अमानवीयता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों के मुद्दों को सुलझाए। पंचायत में निर्णय लिया गया कि बुधवार सुबह हजारों किसान नोएडा के लिए कूच करेंगे।
टिकैत ने बताया कि मेरठ, सहारनपुर, आगरा और अन्य मंडलों के किसान एकजुट होकर गौतमबुद्ध नगर पहुंचेंगे और वहां .5 प्वाइंट पर धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने बागपत जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां किसानों के घर उजड़ चुके हैं और उनकी जमीनें जबरन छीनी जा रही हैं। इस सरकार में किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। हम चुप नहीं बैठेंगे। यदि किसी किसान को कोई नुकसान होता है, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
पंचायत के दौरान भाकियू नेताओं ने स्पष्ट किया कि किसानों की मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा, हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखेंगे, लेकिन यदि प्रशासन ने दुर्व्यवहार किया, तो किसान उसका जवाब देना भी जानते हैं। नोएडा में किसानों की गिरफ्तारी पर भाकियू ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया है। अब सभी की नजर बुधवार को होने वाले नोएडा कूच पर है, जहां हजारों किसान एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।