उमरपुर गांव में अनुज सैनी का गांव के ही यूसुफ के साथ रिहायसी जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। इस जमीन पर यूसुफ अपना दो दशक से भी पुराना अपना कब्जा बता रहा है। यूसुफ का कहना है कि उन्होंने यह जमीन खरीदी थी, लेकिन बैनामा नही कराया गया था। ग्रामीणों के बीच लिखा पढ़ी हो गई थी। तभी से वह इस पर काबिज है। दूसरी ओर इस जमीन के मालिक इलियास ने गुपचुप तरीके से यह जमीन गांव शाहडब्बर निवासी महावीर को बेच दी थी।
महावीर ने इस जमीन को गांव के ही अनुज सैनी की पत्नि सविता को बेच दिया। सविता देवी बैनामा के आधार पर जमीन पर कब्जे की मांग कर रही है। बुढ़ाना कोतवाली में महिला ने जमीन कब्जा मुक्त करवाने की गुहार लगाई थी। जिस पर बुढ़ाना पुलिस 16 नवंबर को जमीन कब्जा मुक्त करवाने पहुंची थी। जमीन कब्जा मुक्त करवाने को लेकर पुलिस व कब्जेदारों के बीच टकराव हो गया था। इस टकराव में पुलिस द्वारा लाठी फटकारने से यूसुफ परिवार के कई लोग घायल हुए थे। पुलिस का आरोप है कि कब्जेदारों ने पुलिस पर पथराव किया था। इस घटना में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है।
इस विवाद को लेकर चौ. नरेश टिकैत ग्रामीणों की बात सुनने उमरपुर गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की। कब्जा धारकों व ग्रामीणों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बात ईमानदारी व न्याय की की जाएगी। किसी के साथ पक्षपात नही किया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
फोन से पुलिस के अधिकारियों को कहा कि यह हमारे बीच का विवाद है, हम खुद सुलझा लेंगे। पुलिस को बीच में आने की आवश्यकता नही है। पुलिस द्वारा दबिश देने पर उन्होंने नाराजगी जताई। इस मौके पर पूर्व प्रधान चौ. अतरहसन सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे। दूसरा पक्ष बुलावे के बाद भी मौके पर नही पहुंचा।
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