ककरौली। क्षेत्र के बेहड़ा-टंढ़ेड़ा मार्ग के निर्माण की मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। जबकि प्रति वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों कांवड़ियां इस मार्ग से गुजरते हैं। इस मार्ग के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था। इस मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हैं।

यह मार्ग बेहड़ा सादात से गांव टंढेड़ा, जड़वड़, कटिया, सिकंदरपुर, बबरा माता मंदिर को जोड़ते हुए प्राचीन पंचमुखी महादेव मंदिर सम्भलहेड़ा तक जाता है। हजारों कांवड़िये इस मार्ग से गुजरते हुए संभलहेड़ा पंचमुखी महादेव मंदिर में जल चढ़ाते हैं। इस मार्ग के निर्माण की मांग ग्रामीण लम्बे समय से उठा रहे हैं।

गांव टंढेड़ा निवासी 82 वर्षीय समय सिंह का कहना है कि इस पथरीले मार्ग पर वाहनों का चलना दूभर है। कांवड़ियां यहां से पैदल कैसे गुजरेंगे। ग्रामीण सुरेश पहलवान ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय इस मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन कर चुनाव का बहिष्कार किया था। सरकार व अधिकारियों ने हमारी नहीं सुनी।

ग्राम प्रधान पति खुर्रम अजीज़ ने बताया कि लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर ग्रामीणों ने एकजुट होकर धरने को सफल बनाया था। किसी भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला था। इसके बाद दो डंपर पत्थर डलवाए गए थे। एसडीएम जानसठ ने मार्ग के जल्द निर्माण का आश्वासन दिया था। रास्ते का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। तब से आज तक यह पथरीला मार्ग उसी अवस्था में है। गांव निवासी विकास गर्ग का कहना है कि रास्ते में पड़े पत्थर कांवड़ियों के मार्ग में बाधा उत्पन्न करेंगे। मार्ग का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए।