मुजफ्फरनगर। जनपद में प्रदूषण विभाग तथा कृषि विभाग द्वारा कईं फैक्ट्रियों छापे मारने की कार्यवाही से हडकंप मच गया। छापे के दौरान तीन फैक्ट्रियों को सील किए जाने की कार्यवाही से सनसनी फैल गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनपद के खतौली और मीरापुर क्षेत्र में पुरानी वस्तुओं को खरीदकर उनमें से लैड निकालकर इसकी इंगट बनाने वाली कई फैक्ट्रियां चल रही हैं। यह बिना प्रदूषण विभाग की अनुमति के चलती हैं और इनसे जबर्दस्त प्रदूषण फैलता है। काफी प्रदूषित धुआं यह फैक्ट्री निकालती है।
इसी की शिकायत पर प्रदूषण विभाग की टीम ने छापेमारी कर खतौली के दयानंदनगर में दो फैक्ट्रियो को सील कर दिया। इसके साथ ही मीरापुर में भी प्रदूषण विभाग ने कार्रवाई की। यहां पर भी एक फैक्ट्री को इसी तरह से सील कर दिया गया।
उधर, डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग की चार टीमों ने सात फैक्ट्रियों में छापेमारी की। हालांकि इन सात फैक्ट्रियों में कृषि विभाग की टीम को अनुदानित यूरिया नहीं मिला है। फैक्ट्रियों में बड़े स्तर पर अनुदानित यूरिया का प्रयोग हो रहा है। जिसे लेकर कृषि विभाग की टीम ने छापेमारी की है। उधर रेड की सूचना मिलने पर खतौली में सभी उर्वरक की दुकानें बंद हो गई।
अन्य जनपदों में चल रही कुछ फैक्ट्रियों में अनुदानित यूरिया का प्रयोग होता हुआ पाया गया है। अभी हाल में मथुरा क्षेत्र में एक फैक्ट्री में अनुदानित यूरिया का प्रयोग पाया गया है। डीएम चन्द्र भूषण सिंह ने भी मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित फैक्ट्रियों में छापेमारी करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए हैं। गुरुवार को कृषि विभाग की चार टीमों ने करीब सात फैक्ट्रियों में रेड की है।
जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह ने बुढ़ाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री, खतौली क्षेत्र में एसडीओ कपिल कुमार ने दो फैक्ट्री, जानसठ क्षेत्र में कृषि रक्षा अधिकारी यतेन्द्र सिंह ने भी एक फैक्ट्री और सदर क्षेत्र में भूमि संरक्षण अधिकारी तुलसीराम प्रजापति ने तीन फैक्ट्रियों में छापेमारी की है। इन फैक्ट्रियों में कोई अनुदानित यूरिया नहीं पाया गया है। कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि यदि किसी फैक्ट्री में अनुदानित यूरिया का प्रयोग पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।