पश्चिमी यूपी में नशे के बढ़ते प्रचलन को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। नशे के धंधे में न केवल पुरुष शामिल हैं, बल्कि महिलाएं भी घुंघट की आड़ में यह धंधा कर रही हैं। एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स) ने पश्चिमी यूपी के सात जिलों मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर और बुलंदशहर में करीब 120 महिलाओं को चिन्हित किया है, जो ऐसे धंधे में शामिल हैं। इनके परिवार के सदस्य ही इन्हें नशे की दलदल में लेकर आए हैं।
इसकी वजह यह है कि वह खुद पुलिस के निशाने पर आ जाते हैं, जबकि महिलाओं के साथ ऐसा कम होता है। एएनटीएफ की टीम इस पर पिछले कुछ दिनों से काम कर रही थी। स्थानीय पुलिस की मदद से इन महिलाओं की पहचान की गई। खास बात यह है कि जिन महिलाओं की सूची तैयार की गई है, उसमें 30 साल से लेकर करीब 65 साल की महिलाएं भी शामिल हैं। अब इन पर नजर रखी जा रही है।
एएनटीएफ की 15 सदस्यीय टीम को भी सात जिलों में उतारा गया है। टीम के दो-दो सदस्य हर जिले में काम कर रहे हैं। वह पता करेंगे कि जो-जो बड़े नशा तस्कर है वह फिलहाल कितने सक्रिय हैं। दरअसल, मुख्यालय की तरफ से ऐसे तस्करों पर नजर रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यदि कोई भी नशा तस्कर सक्रिय मिलता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर संपत्ति कुर्क की कार्रवाई शुरू कराई जाएगी ताकि वह भविष्य में इस धंधे की ओर न जा सके। प्रदेश सरकार का मकसद है कि हर हाल में नशा तस्करी पर अंकुश लगाया जाए।