मुजफ्फरनगर। जिले के रोडवेज के बेडे़ में दो नई बसें शमिल हुई है। दोनों को वाया सहारनपुर होते हुए अमृतसर तक के लिए चलाया गया है। यहां से पंजाब जाने वाले लोगों को दोनों बसों का फायदा मिलेगा। अब मुजफ्फरनगर से पंजाब प्रदेश में जाने वाली बसों की संख्या पांच हो गई है। इनका किराया भी (वातानुकूलित ) एसी बस से काफी कम हो गया है।
जनपद से पंजाब जाने के लिए जिले के रोडवेज के बेड़े में दो बसें थी। बाद में एक बस एसी वाली मिली तब बसों की संख्या तीन हो गई थी। मगर, एसी बस का किराया ज्यादा होने के कारण लोगों ने इस बस में यात्रा से किनारा कर लिया जिस कारण बस की आय कम होती चली गई। जिस कारण इस एसी (वातानुकूलित ) को सामान्य बस बना दिया गया है। अब दो सामान्य बस रोडवेज के बेड़े में शामिल हुई है। इनका किराया एसी (वातानुकूलित )वाली बस के किराए से कई प्रतिशत कम है। मुजफ्फरनगर से पंजाब चंडीगढ़ जाने वाली तीन व अमृतसर जाने वाली वाली दो बसें है।
यह होगा सामान्य किराया
कहां से कहां तक पहले (एसी) अब
मुजफ्फरनगर से सहारनपुर 134 92
मुजफ्फरनगर से अंबाला कैंट 309 196
मुजफ्फरनगर से लुधियाना 527 357
मुजफ्फरनगर से जालंधर 632 469
मुजफ्फरनगर से व्यास 702 502
मुजफ्फरनगर से अमृतसर 777 558
एक माह में ही व्यास जाने वाली बस से हटाया एसी
अंबाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और व्यास के लिए एक माह पहले शुरू की गई एसी बस को नॉन एसी कर दिया गया है। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजकुमार तोमर ने बताया कि अंबाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और व्यास के लिए सुबह साढ़े आठ बजे से स्पेशल एसी बस को शुरू किया गया था। एक जुलाई से इस एसी बस की शुरूआत की गई थी। मगर, अब इसे सामान्य बसों की तरह ही करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि लगातार यात्रियों के ना मिलने, अंबाला और अमृतसर में बस को मात्र पांच मिनट ही रोकने के कारण इस बस को सामान्य कर दिया गया है। कहना है कि बस को खड़ा करने के लिए बहुत ही कम समय दिया जा रहा था। इसकी वजह से यात्री भी कम संख्या में सफर कर रहे थे। इसके लिए अंबाला में कुछ प्राइवेट बस वाले अपनी एसी बस चलाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें परमिशन नहीं दी। तो वे इस बस का भी विरोध कर रहे थे। इन्हीं सब कारणों की वजह से मुजफ्फरनगर रोडवेज ने इस एसी बस को अन्य बसों की तरह सामान्य करने का फैसला किया है। अब रोजाना यह बस सामान्य रूप से अपने टाइम पर अंबाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और व्यास के लिए रवाना होगी।
अब यूनिफार्म में ड्यूटी करेंगे रोडवेज चालक-परिचालक
जिले की रोडवेज डिपो में चालक और परिचालक पांच सितंबर से वर्दी में नजर आएंगे। चालक को खाकी तो परिचालक को सलेटी रंग की वर्दी पहननी होगी। वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजकुमार तोमर ने बताया कि लखनऊ रोडवेज मुख्यालय से चालक और परिचालक की वर्दी के लिए सख्त निर्देश दिए गए है। अगर कोई चालक या परिचालक इन नियमों का उल्लंघन करता है कि उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चालक और परिचालक को दो शर्ट व दो पैंट के लिए 1800-1800 रुपये दिए जाएंगे। जिले के कुल 521 चालक और परिचालकों को नौ लाख 37 हजार 800 रुपये के लिए लगातार डिमांड की जा रही है। जैसे ही चालक और परिचालक के खातों में रुपये आते है तो वे वर्दी खरीद लेंगे। सभी चालक और परिचालक को दो-दो वर्दी खरीदनी है।