लखनऊ. यूपी में इस समय पंचायत चुनाव की सरगर्मी है। गांव-गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य की चर्चा हो रही है। सरकारी मशीनरी भी वोटर लिस्ट, परिसीमन और आरक्षण सूची बनाने में जुटी है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि अगर आप भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो क्या-क्या जरूरी हैं-
गांव में हर पांच साल के बाद ग्राम प्रधान का चुनाव कराया जाता है। निर्वाचन आयोग इसके लिए तैयारी करवाता है। यह चुनाव भी ठीक उसी तरह से होता है जैसे लोकसभा या विधानसभा का चुनाव। इसमें भी सबसे पहले अधिसूचना जारी की जाती है, अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लागू हो जाता है। अब जो व्यक्ति ग्राम प्रधान या सदस्य के पद पर चुनाव लड़ना चाहता है, उसको एक निर्धारित समय अवधि के अंदर पर्चा दाखिल या आवेदन पत्र को जिले के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है द्य इसके बाद निर्वाचन कार्यालय के द्वारा प्रत्येक आवेदन कर्ता को एक चुनाव चिन्ह प्रदान किया जाता है अब सभी प्रत्याशी के द्वारा चुनाव प्रचार किया जाता है, यह चुनाव प्रचार निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किया जाता है द्य इसके बाद निर्धारित तिथि को मतदान कराया जाता है, मतदान के पश्चात मतगणना की जाती है, जिस प्रत्याशी को अधिक मत प्राप्त होते है, उसे ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित किया जाता है द्य निर्वाचित सदस्य को निर्वाचन अधिकारी के द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है.