मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में भाकियू अराजनैतिक कार्यकर्ताओं ने गन्ना मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर शहर में रैली निकाली। किसान पैदल और ट्रैक्टर ट्राली से मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने धरना प्रारंभ कर दिया।
यूनियन के नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि शुगर मिल चले दो माह से अधिक का समय हो गया, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया।गन्ने की फसल पर लगातार लागत बढ़ रही है, जिसे देखते हुए 400 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले सालों में शुगर मिल चलने के एक माह में गन्ना मूल्य घोषित कर दिया जाता था, लेकिन इस बार दो माह हो गए हैं। गोवंश समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है। गन्ने के अलावा अन्य फसलों के लिए किसानों को न बाजार मिल रहा है और न ही उचित दाम।
किसानों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस साल गन्ने का उत्पादन प्राकृतिक आपदा और बीमारी के चलते काफी कम है, जिसका नतीजा यह है कि आज शुगर मिल एवं कोल्हू और क्रेशर के बीच गन्ने को लेकर जंग छिड़ी है। कोल्हू और क्रेशर आज के समय 400 रुपए क्विंटल गन्ना खरीद रहे हैं। किसान इस उम्मीद में मिलों को गन्ना दे रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में वृद्धि की जाएगी।
पीछे एक दशक में इस साल चीनी का भाव सबसे ऊपर है। शीरे के दाम में आश्चर्यजनक वृद्धि है। बेगास सहित सभी सहायक उत्पाद बिक रहे हैं। मिल की राख भी पोटाश के नाम पर बिक रही है लेकिन इसका लाभ ड्दयोग को मिल रहा है न कि किसानो को। भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि 25 अक्टूबर को लखनऊ में आयोजित किसान पंचायत के माध्यम से प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री की और से गन्ना मूल्य वृद्धि पर आश्वासन दिया गया था लेकिन अब किसानो के सब्र का बांध टूट रहा है। किसान गन्ना मूल्य में वृद्धि को लेकर सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। रैली के बाद किसानों ने कलक्ट्रेट में धरना प्रारंभ कर दिया