मुजफ्फरनगर. दधेडू खुर्द के सलीम अख्तर के घर पर दिनभर लोगों का तांता लगा रहा। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने गांव में पहुंचकर परिवार का दुख बांटा। हर संभव मदद का भी भरोसा दिलाया गया। बालियान ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर कराया जाएगा।
दधेडू खुर्द में दूसरे दिन मातम छाया रहा। केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान और भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी अलग-अलग समय पर यहां दुख जताने पहुंचे। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया गया। दिनभर सैकड़ों लोगों ने गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवार को हिम्मत बंधाई। भाई-बहन की मौत से हर कोई गमजदा नजर आया। पीड़ित परिवार दिनभर आंसू बहाता रहा। पुरकाजी निवर्तमान विधायक प्रमोद उटवाल, ब्लॉक प्रमुख अक्षय पुंडीर, भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी, पूर्व विधायक अनिल कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष गर्ग, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश वशिष्ठ, मुजफ्फर हुसैन पूर्व प्रधान आदि ने पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
हमारा घर उजड़ा, किसी और के घर में न हो अंधेरा
दधेडू के ग्रामीणों ने कहा कि स्पीड लिमिट होनी चाहिए। नियमित रूप से वाहनों की निगरानी की जाए। वाहनों की फिटनेस और खराब मौसम में जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। पुलिस, स्कूल, परिवहन विभाग और स्वास्थ्य विभाग को अपनी-अपनी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
घायलों को हालत में सुधार के लिए दुआ
गमजदा परिवार ने कहा कि स्कूल बस में जो बच्चे घायल हुए है, अल्लाह उन्हें जल्द ठीक करें। बातचीत के दौरान उनकी आंखों में आसूं आ जाते है। उनके चेहरे पर बच्चो के की मौत की पीड़ा साफ नजर आती है। बोले उनकी दुनिया उजड़ गई। अब मासूम बिटिया महा अख्तर और समीर को कैसे भूल पाएंगे।
एक ही वाहन से क्यों लगाए जाते हैं फेरे
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल की एक बस से ही कई-कई फेरे लगवाए जाते हैं। दोबारा आने से बचने के लिए ड्राइवर एक बार में ही बच्चों को ले जाने की कोशिश करते हैं। यही अख्तर परिवार के साथ हुआ। महा अख्तर को दूसरी शिफ्ट में जाना था, लेकिन ड्राइवर ने उन्हें पहली ही शिफ्ट में गाड़ी में बैठा लिया। प्रशासन से मांग की गई कि नियमों का पालन कराया जाना चाहिए।