जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष पदों के चुनाव में प्रमुख दलों के निर्वाचित सदस्यों से अलावा निर्दलियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. इस विजयी सदस्यों में निर्दलियों की संख्या ही सर्वाधिक है इसलिए उनका रुझान ही अध्यक्षों के चुनाव को प्रभावित करेगा. निर्दलियों का समर्थन जुटाने के अलावा बागियों का रोल भी महत्वपूर्ण होता है।

जाहिर है कि जोड़तोड़ वाले इस चुनाव में सत्ता का दखल निर्णायक होता गया. धनबल और बाहुबल भी चुनावी समीकरण बनाते बिगाड़ते हैं। प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए अब यह चुनाव 15 जून के बाद ही संभव है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण कुछ कम होता नजर आ रहा है. पिछले 24 घंटों पर नजर डाली जाए तो 21,331 नए मामले सामने आए हैं. वहीं 278 लोगों ने इस महामारी के आगे दम तोड़ दिया है. अब सक्रिय मामलों की संख्या 2,25,271 हो गई है. एक दिन में करीब 29,709 कोरोना संक्रमण से जंग जीत कर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं.