नई दिल्ली: 51 बॉल, 104 रन, आठ चौके और छह छक्के। ये आंकड़े हैं साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर हेनरिक क्लासेन के, जिनकी टीम सनराइजर्स हैदराबाद पहले ही प्लेऑफ से बाहर होकर एक तरह से बेफिक्र हो चुकी थी। हैदराबादी टीम की यह बेफिक्री उसकी बल्लेबाजी में नजर आई खासकर हेनरिक क्लासेन में, जिन्होंने अपने आईपीएल करियर का पहला शतक ही जड़ डाला। क्लासेन हैदराबाद की ओर से सबसे तेज शतक बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गए।
साल 2022 में जब साउथ अफ्रीकी टीम भारत आई थी तब कटक में खेले गए दूसरे टी-20 इंटरनेशनल में क्लासेन ने अपने करियर का बेस्ट स्कोर 81 रन खडा़ किया था।
क्लासेन सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से शतक जड़ने वाले पहले ‘नॉन ओपनर’ बल्लेबाज हैं। इससे पहले हैदराबाद की ओर से डेविड वार्नर ने दो, जॉनी बेयरस्टो ने एक और हैरी ब्रुक एक शतक लगा चुके थे, लेकिन इन तीनों ने ही ओपनर के तौर पर शतक जड़ा था। क्लासेन ने बैंगलोर के गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए 104 रन की पारी खेली। उनकी केवल 51 गेंदों की पारी में 8 चौके और 6 छक्के शामिल रहे। क्लासेन की इस पारी के दम पर टीम ने 186/5 का चुनौतीपूर्ण स्कोर बना डाला। हैदराबाद की ओर से दूसरा हाईएस्ट स्कोर 27* रहा जो टीम में वापसी कर रहे ब्रुक ने बनाया। क्लासेन ने 19वें ओवर में आउट होने से पहले ब्रुक के साथ 36 गेंद पर 74 रन की जोरदार साझेदारी निभाई।
पिच पर आते ही क्लासेन ने पहली गेंद पर चौका जड़कर बता दिया कि वह अपनी पूरी लय में हैं। इस सीजन हैदराबाद के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों में जिन्होंने दो या इससे ज्यादा इनिंग्स खेली थीं, उनमें सिर्फ क्लासेन ही इकलौते ऐसे थे जो एक बार भी इकाई के स्कोर पर आउट नहीं हुए थे। इस सीजन अभी तक उनका न्यूनतम स्कोर 17 रन था। यहां भी उन्होंने हर बार दहाई के आंकड़े को छूने के इस रेकॉर्ड को बराकरार रखते हुए शुरुआती आठ गेंदों में 20 रन ठोक दिए। क्लासेन ने 11वें ओवर में 24 गेंद पर अपनी फिफ्टी पूरी कर ली। क्लासेन और मार्कराम की 50 गेंद पर 76 रन की साझेदारी का भी अंत हो गया। इस पार्टनरशिप में मार्कराम का योगदान सिर्फ 17 रन का रहा।