अमरोहा। अमरोहा में बसपा सुप्रीमो मायावती चौबीस मिनट के संबोधन में दलित, पिछड़ा, मुस्लिम कार्ड खेल गईं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को आधे हाथ लेते हुए तीनों ही वर्ग को जोड़ने की कोशिश की। इसके साथ ही किसानों को भी साधा। कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने गरीब, पिछड़े, दलितों, मुस्लिम के साथ धोखा किया। उन तक योजनाएं नहीं पहुंच रही हैं। आरक्षण का कोटा भी अधूरा रखा गया है। भाजपा सरकार में भी दलितों और मुस्लिम का शोषण बंद नहीं हुआ है। गरीब लोगों की हालत ठीक नहीं है।
गलत नीतियों के चलते मध्यम वर्ग के लोग भी दुखी और परेशान हैं। देश और प्रदेश में महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ा है। कहा कि चार बार उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार के दौरान बहुत काम हुए। अगर फिर सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो विरोधी पार्टियों की तरह हवा-हवाई काम नहीं किया जाएगा। पिछले कई सालों से भाजपा सरकार गरीब लोगों का वोट लेने के लिए फ्री में राशन देती है, लेकिन जब चुनाव होता है तो उनसे इसका कर्जा उतारने को कहते हैं।
कहा कि गरीबों की राशन देना भाजपा की मेहरबानी नहीं है, आप जो टैक्स देते हैं, उससे यह खाद्य सामग्री आती है। सरकार नहीं देती। उन्होंने कहा जब-जब बसपा के नेतृत्व में यूपी में सरकार बनी है। किसान वर्गों के लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है। अमरोहा ढोलक कारीगरी के साथ-साथ किसानी के मामले में काफी आगे है।
यहां के किसानों और कारोबारियों का भाजपा ने ध्यान नहीं रखा। वर्तमान सरकार की जातिवादी सोच है। इसने गरीबों, मुस्लिम और आदिवासी लोगों पर ध्यान नहीं दिया। देश में लगातार महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इससे जनता परेशान है। अपनी पार्टी को गुमराह नहीं होना है। यह पार्टियां चुनाव खत्म होने के बाद वादों को अमल में नहीं लाती हैं।
हमारी पार्टी चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं करती है। हमारी पार्टी कार्य करने में ज्यादा विश्वास करती है। चार बार सत्ता में रही हमारी पार्टी ने बिना घोषणा पत्र जारी किए बिना ही बहुत कुछ कार्य करके दिखाए है। केंद्र में हमारी सरकार बनती है तो अब तक रही सरकारों जैसा कार्य नहीं करेगी। कुछ हटकर या जैसे यूपी में कार्य किए ऐसा काम करेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा सरकार को कानून और व्यवस्था पर भी घेरने की कोशिश की। कहा कि वर्तमान में काफी दहशत का माहौल है। हिंदुत्व की आड़ में हो रही राजनीति अब खत्म होने की कगार पर है। देश की सीमाएं भी आज सुरक्षित नहीं है। यह बहुत गंभीर बात है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी कांग्रेस, भाजपा या अन्य किसी भी विरोध पार्टी तथा गठबंधन के साथ मिलकर नहीं बल्कि अपने बलबूते चुनाव लड़ रही है। हमने टिकट बंटवारे के मामले में भी सर्व समाज के लोगों को उचित भागीदारी दी है।
मायावती ने कहा पश्चिमी यूपी में वैसे तो सभी समाज के लोग रहते हैं। लेकिन अपर समाज में से क्षत्रिय समाज के लोग बड़ी तादाद में रहते हैं। लेकिन दुख की बात ये है कि भाजपा और अन्य विरोधी पार्टियां जो अपने आप को क्षत्रियों की हिमायती समझती हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा और अन्य पार्टियों ने क्षत्रियों की काफी उपेक्षा की है।
लेकिन, बसपा ने अन्य के साथ-साथ क्षत्रिय समाज को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया है। पश्चिमी यूपी में सहारनपुर और मेरठ मंडल से कई टिकट क्षत्रिय समाज को दिए हैं। भाजपा ने उनको टिकट न देकर उपेक्षा की है। जिसे लेकर क्षत्रिय समाज के लोगों में काफी नाराजगी है।
उनकी पंचायतें हुई हैं, ये फैसला लिया गया कि जिसने उन्हें भागीदारी दी है। उसी पार्टी को वोट दिया जाएगा। इस चुनाव में क्षत्रियों ने अपने मान और सम्मान में सही फैसला लिया है।