मुजफ्फरनगर। जिले की खतौली विधानसभा सीट एक बार फिर भाजपा का गढ़ साबित हुई है। भाजपा जिले में ग्रामीण अंचल की जहां सभी सीटें हार गई, वहीं खतौली में विक्रम सैनी ने दूसरी बार जीत दर्ज कर भाजपा का परचम लहरा दिया है।

खतौली विधानसभा सीट को जिले में भाजपा का गढ़ माना जाता है। 2014 के चुनावों से लेकर अब तक भाजपा यहां एक बार भी नहीं हारी है। इसमें चाहे 2014 और 2019 का लोकसभा हो या 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा सबसे ज्यादा वोटों से इसी सीट पर जीती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में खतौली सीट ने ही सांसद संजीव बालियान को संजीवनी देने का काम किया था। शुरू के आठ राउंड में जाट और मुस्लिम बाहुल्य गांवों में सपा प्रत्याशी राजपाल सैनी को यहां बढ़त मिलती दिखाई दी। इसके बाद धीरे-धीरे भाजपा के विक्रम सैनी बढ़ना शुरू हुए तो आखिरी राउंड तक बढ़त बनाते चले गए। इस सीट पर मुस्लिम और जाट दोनो की आबादी अन्य सीटों के मुकाबले कम है।

अति पिछड़ी जातियों और सवर्ण मतदाताओं की जुगलबंदी ने यहां सपा-रालोद गठबंधन के सभी समीकरण ध्वस्त कर दिए। जाट समाज में भी केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने सेंधमारी का काम किया। विक्रम सैनी का शुरू में लगातार विरोध हो रहा था, लेकिन बाद में वोटर ने मोदी और योगी के नेतृत्व पर विश्वास करते हुए जमकर वोट दी। यहीं कारण रहा कि भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी लगातार दूसरी बार यहां से विधायक चुने गए।

करतार भड़ाना नहीं करा पाए उपस्थिति दर्ज
खतौली के पूर्व विधायक करतार भड़ाना भाजपा के सामने ठहर नहीं पाए। इस चुनाव में वह केवल दलितों और कुछ प्रतिशत गुर्जर समाज में ही सिमट कर रह गए।