जानसठ (मुजफ्फरनगर)। मीरापुर में कैंटर की टक्कर लगने से घायल बाइक सवार मिस्त्री की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल से शव उठाने से मना कर दिया। काफी देर चले हंगामे के बाद पुलिस के समझाने पर परिजन शांत हुए।
थाना मीरापुर क्षेत्र के गांव मुझेड़ा निवासी संतर पाल (40) पुत्र कृपा सिंह कस्बा मीरापुर में बिजलीघर के सामने कार मिस्त्री की दुकान करता था। बृहस्पतिवार को वह बाइक से मीरापुर कस्बे में कार का सामान लेने के लिए गया था। लौटते वक्त टैंकर चालक ने टक्कर मारकर उसे घायल कर दिया। एंबुलेंस से उसे जानसठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जहां पर मिस्त्री की मौत हो गई। अस्पताल में पहुंचे परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों की स्वास्थ्य कर्मियों के साथ काफी नोकझोंक भी हुई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने अस्पताल से शव उठाने नहीं दिया। अस्पताल में पहुंचे निवर्तमान चेयरमैन प्रवेंद्र भड़ाना और जानसठ थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह ने बमुश्किल परिजनों को समझा बुझाकर शांत किया। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

परिजनों का आरोप था कि एंबुलेंस से घायल संतरपाल को लेकर जानसठ अस्पताल लाया गया था। उन्होंने चिकित्सकों से इलाज करने के लिए कहा था। आरोप है कि चिकित्सक अपने कमरों में चाय पीते रहे, लेकिन इलाज करने के लिए उठकर नहीं आए। चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से ही संतरपाल की मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि अगर समय पर चिकित्सक संतरपाल का इलाज कर देते तो उसकी जान बच जाती।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है। घायल मिस्त्री संतरपाल को अस्पताल में लाते ही चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। परिजनों ने कहा था कि वे खुद प्राइवेट वाहन से ले जाएंगे। इसमें चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है। – डॉक्टर अशोक कुमार, चिकित्सा प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जानसठ।