रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा ने बताया कि अस्थि विसर्जन के समय जयंत चौधरी के साथ उनकी पत्नी चारु चौधरी, चौधरी अजित सिंह के दामाद विक्रमादित्य सिंह और उनकी भांजी के पति शैलेंद्र अग्रवाल मौजूद रहे। कोविड गाइड लाइन के चलते अस्थि विसर्जन की जानकारी किसी कार्यकर्ता को पहले से नहीं दी गई थी। जयंत चौधरी ने सभी को घर से ही प्रार्थना करने की अपील की थी। वहीं, चौधरी अजित सिंह की किसी भी अंतिम क्रिया में शामिल न हो पाने का मलाल कार्यकर्ताओं में रहा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर उनकी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं।

चौधरी अजित सिंह की तेरहवीं की रस्म 18 मई को संपन्न होगी। कोरोना गाइडलाइन के चलते परिवार के लोग ही रस्म में शामिल होंगे। प्रदेश संगठन महामंत्री डॉ. राजकुमार सांगवान ने बताया कि कार्यकर्ता चौधरी साहब के अंतिम दर्शन नहीं कर पाने से दुखी हैं। ऐसे में जयंत चौधरी से अनुरोध किया गया है कि हवन की रस्म को ऑनलाइन कराएं ताकि देश के तमाम हिस्सों में चौधरी साहब के चाहने वाले ऑनलाइन शामिल होकर श्रद्धांजलि दे सकें।