मुजफ्फरनगर: समाजवादी पार्टी ने जाट नेता हरेंद्र मलिक को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर मुजफ्फरनगर लोक सभा सीट से 2024 का चुनाव लड़ाने की बात कही हुई है। लेकिन इस सीट का इतिहास है कि यहां से आज तक एक भी गैर भाजपाई जाट चुनाव नहीं जीता। जो भी बड़ा जाट नेता भाजपा के अलावा अन्य पार्टी से चुनाव लड़ा, उसे हार ही मिली। चौधरी चरण सिंह से लेकर, वरुण सिंह और अजीत सिंह सहित अनुराधा चौधरी और हरेंद्र मलिक सरीखे दिग्‍गज जाट मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव हार चुके हैं। अब हरेंद्र मलिक के सामने 2024 चुनाव में इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर गैर भाजपाई जाट प्रत्याशियों की हार की एक लंबी फेहरिस्त है। भारतीय क्रांति दल से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने 1971 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन वह सीपीआई के ठाकुर विजयपाल सिंह से हार गए थे। इससे पहले 1962 में सीपीआई के मेजर जयपाल सिंह कांग्रेस के सुमत प्रसाद जैन के सामने हार चुके थे। मेजर जयपाल सिंह भी रसूखदार जाट माने जाते थे। 1977 में जाट नेता वरुण सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन वह लोकदल के सईद मुर्तजा से हार गए। 1998 में जिले के बड़े जाट नेता हरेंद्र मलिक ने सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें भी बीजेपी के सोहनवीर सिंह ने हरा दिया।

2009 लोकसभा चुनाव में जनपद की राजनीति में गहरा प्रभाव रखने वाली अनुराधा चौधरी भी बसपा के क़ादिर राणा के सामने हार गई थीं। अनुराधा चौधरी ने रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनकी पार्टी का भाजपा से गठबंधन था। गैर भाजपाई जाट की हार का यह सिलसिला 2019 में भी जारी रहा। उस लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट से रालोद के अजीत सिंह ने इलेक्शन लड़ा। लेकिन वह भी भाजपा के डॉ संजीव बालियान के सामने हार गए।

गैर भाजपाई जाट के लिए मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर जीतना टेढ़ी खीर बना हुआ है। पिछले 32 साल की सियासत के दौरान इस सीट पर भाजपा के जाट प्रत्याशी 5 बार जीत चुके हैं। मुजफ्फरनगर में भाजपाई जाट का खाता 1991 में खुला। जब भाजपा के नरेश बालियान ने जनता दल के मुफ्ती मोहम्मद सईद को हराया। 1996 में भाजपा के सोनवीर सिंह ने सपा के संजय सिंह को हराया। 1998 में भाजपा के सोहनवीर सिंह ने सपा के हरेंद्र मलिक को हराया। 2014 में भाजपा के डॉ संजीव बालियान ने कादिर राणा को हराया। जबकि डॉ संजीव बालियान ने 2019 में रालोद के अजीत सिंह को हराकर अपनी जीत दूसरी बार बरकरार रखी।