मुजफ्फरनगर । संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज हो रही किसान महापंचायत और दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की नजर गडी है। पंचायत में 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। हालांकि यह तो साफ है कि महापंचायत में भाजपा को उखाड फेंकने के तौर तरीकों पर फैसला होना है। तमाम गैर भाजपा दल इसमें सियासी मुनाफे के लिए जुटे हैं। इसके बावजूद इसके राजनीतिक प्रभाव को लेकर अलग अलग राय हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में भारी किसान सैलाब उमड रहा है। इस महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान यूनियन के द्वारा किया जा रहा है। महापंचायत स्थल पर पंजाब के किसान पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं। जनपद में इस समय चारों और किसानों की भारी भीड़ है। यहां पंजाब हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश किसानों की अच्छी खासी भागीदारी देखने को मिल रही है। महिलाओं की भी खासी भीड़ यहां पहुंची है। इनमें पंजाब की महिलाएं बडी तादाद में हैं। किसानों में केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश है। कुछ किसान संगठनों का मानना है कि चुनाव से इस महापंचायत का कोई लेना देना नहीं है क्योंकि किसान संगठन पहले ही भारतीय जनता पार्टी को हराने की बात कह चुके हैं। कई राज्यों में चुनाव है तो कई राज्यों में चुनाव नहीं भी है। वहां भी सरकारों का विरोध है। तमाम भाजपा विरोधी दल भी इस पंचायत को सफल बनाने में जुटे रहे हैं।

मुजफ्फरनगर में बाहर से आने वाले किसानों की रहने और खाने की व्यवस्था को लेकर मुजफ्फरनगर के किसान जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। चाहे वह भंडारा हो या ढाबा हो सभी किसानों को निशुल्क भोजन के अलावा नाश्ता चाय सभी उपलब्ध है। अलग-अलग भंडारे में अलग-अलग प्रकार का भोजन किसानों को खाने के लिए मिल रहा है। राजकीय इंटर कॉलेज का मैदान किसानों से खचाखच भरा हुआ है और किसानों के आने का सिलसिला लगातार अभी भी जारी है किसान नेताओं और खाप चौधरियों का मंच पर पहुंचना भी शुरू हो चुका है कुछ किसानों का मानना है कि आज यह सरकारों के खिलाफ किसानों का आक्रोश है। इस महापंचायत के जरिए उत्तर प्रदेश के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में एक बड़ा संदेश जाने वाला है और जब तक सरकार 3 कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक पीछे ना हटने का ऐलान किया गया है। महापंचायत का मुख्य कारण तीन कृषि दिल के अलावा उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान या फसलों के वाजिब दाम एमएसजी पर कानून बनाने की मांग को लेकर है।

महापंचायत को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की अगर बात करें तो यहां पर पीएसी की कई कंपनियां तैनात है आर ए एफ फोर्स मौजूद हैह दंगा नियंत्रण महान सभा स्थल से कुछ ही दूरी पर खड़ा है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। एसएसपी अभिषेक यादव, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, नगर मजिस्ट्रेट और बाहर से बुलाए गए दर्जनों पुलिस के बड़े अधिकारी लगातार अपने अपने इलाकों में निगरानी रख रहे हैं। भीड पर नियंत्रण के लिए भाकियू वालंटियर्स भी जुटे हैं।