सीतापुर। जिले के एक नामचीन आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा नौ की छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया। छात्रा को पेट दर्द की शिकायत पर एक निजी इंस्टीट्यूट (अस्पताल) में अल्ट्रासांउड कराने पर उसके गर्भवती होने का पता चला। विद्यालय प्रशासन ने छात्रा के अभिभावक को सूचना दी। छात्रा के भाई व भाभी यहां पहुंचे और उनकी सहमति से निजी अस्पताल में प्रसव कराया गया। छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया।
छात्रा गोंडा जनपद की बताई जा रही है। लोक लाज के चलते छात्रा के भाई ने किसी तरह की कार्रवाई से मना कर दिया और उसे लेकर घर चले गए। एएसपी दक्षिणी एनपी सिंह ने विद्यालय व अस्पताल पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। एएसपी के मुताबिक मई में गर्मी की छुट्टियों में छात्रा अपने घर गई थी। इसके बाद से ही उसे पेट दर्द की शिकायत हुई।
कमलापुर थाना इलाके में एक नामचीन आवासीय विद्यालय संचालित है। इसमें कक्षा छह से विद्यार्थियों का प्रवेश लिया जाता है। प्रदेश के कई जनपदों के छात्र-छात्राएं यहां अध्ययनरत हैं। इस नामचीन आवासीय विद्यालय में कक्षा नौ की एक छात्रा (14 वर्ष) के बच्ची को जन्म देने की खबर से हर कोई अवाक है। बताया जाता है कि छात्रा ने एक फरवरी को विद्यालय में पेट दर्द की शिकायत की थी। विद्यालय से छात्रा के अभिभावक को खबर दी गई। दो फरवरी की सुबह छात्रा के भाई व भाभी यहां पहुंचे और उसे हिंद अस्पताल ले गए।
अल्ट्रासांउड में छात्रा के साढ़े आठ माह का गर्भ निकला। देर रात छात्रा का सामान्य प्रसव कराया गया। अटरिया के करीब स्थित हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस के सीएमएस डॉ. रवि सिन्हा बताते हैं कि रात एक बजे छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद तीन फरवरी को छात्रा का भाई अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कराकर घर लेकर चला गया। वहीं, आवासीय विद्यालय की प्रिंसिपल का कहना है कि छात्रा को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर अभिभावक को बुलाकर उनके साथ छात्रा को भेज दिया गया था। एएसपी दक्षिणी एनपी सिंह ने बताया मामले की जांच की जा रही है।
आवासीय विद्यालय में रहने वाली एक छात्रा पेट से थी और किसी को भनक तक नहीं लग सकी। चिकित्सकों के मुताबिक गर्भ धारण करने के नौ माह बाद प्रसव होता है। तीन से चार माह बाद संबंधित महिला व लड़की में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। ऐसे में छात्रा के गर्भवती होने की विद्यालय प्रशासन को भनक तक नहीं लग सकी, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है।