कंट्रोल रूम में फोन करते ही सुनवाई हो रही है। सवालों का जवाब मिल रह है और समस्या का निराकरण हो रहा है। ऑक्सीजन की किल्लत अचानक खत्म हो गई है। तीन सेंटर बन गए हैं, डॉक्टर का पर्चा दिखाओ और गैस प्राप्त करो। एंबुलेंस तक की व्यवस्था सुधर गई है।

जिला चिकित्सालय इतना साफ सुथरा हो गया है कि कहीं गंदगी नजर नहीं आ रही है। रात भर से लगे श्रमिकों ने पूरे जिला चिकित्सालय की रंगाई कर दी। जिला चिकित्सालय से लेकर सभी कोविड अस्पतालों को भी सैनिटाइज करा दिया गया। कई बार हंगामे के बाद जिस मेडिकल कॉलेज में जमकर फजीहत हुई हो, वहां सब कुछ अपडेट है। मरीजों को भोजन से लेकर दवा तक सब समय पर मिल रहा है। अब लोग कह रहे हैं काश मुख्यमंत्री 15 दिन पहले आ जाते तो शायद कोरोना के कारण जिले में इतने लोगों की जान न जाती।