मेरठ। जिले के भावनपुर थाना क्षेत्र के मोरना गॉव में अख्तर की हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव हो गया है। प्रधानी चुनाव की रंजिश में हत्या होना बताया है। पुलिस ने प्रधान चुनाव में हारे प्रत्याशी और उसके भाई को हिरासत में ले लिया। जिनसे अभी पूछताछ चल रही है। गांव में तनाव के हालात देखते पुलिस फोर्स लगाया गया है।
पुलिस के मुताबिक मोरना में अंकित त्यागी और प्रदीप त्यागी ने प्रधानी चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में प्रदीप त्यागी हारा था। ग्रामीणों के अनुसार तभी से गांव में वोट न देने को लेकर विवाद चल रहा था। बताया कि अख्तर ने प्रदीप को वोट नहीं दिया था। जिसके चलते प्रदीप और उसके भाई उससे रंजिश रखते थे। प्रदीप और उसके दोनों भाई शुक्रवार को शराब के नशे में धुत थे।
जंगल से लौट रहे अख्तर से प्रदीप और उसके भाई राजू की प्रधानी चुनाव में वोट न देने को लेकर पहले कहासुनी हुई। उसके बाद फावड़े से काटकर अख्तर की हत्या कर दी। करीब आधे घंटे तक अख्तर खून से लथपथ घायल अवस्था में जंगल के रास्ते पर ही पड़ा रहा। हॉस्पिटल में उसको ले गए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया है। अख्तर की मौत के बाद मोरना गांव में सांप्रदायिक तनाव के हालात बन गए। इससे पहले माहौल खराब होता कि भावनपुर थाने की पुलिस ने प्रदीप और उसके भाई राजू को पकड़ लिया है। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस फोर्स भी लगा दिया गया। एसएसपी, एसपी देहात और एसपी क्राइम ने घटनास्थल का मुआयना किया है। पुलिस का कहना है कि गांव के लोगों ने ही प्रधानी चुनाव की रंजिश के चलते हत्या होना बताया।
ग्रामीणों ने प्रधानी चुनाव की रंजिश में अख्तर की हत्या होना बताया है। एसएसपी ने गांव के प्रधान और पूर्व प्रधान को भावनपुर थाने में बुलाया और पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि दोनों ने ही प्रधानी चुनाव की रंजिश में होने की बात कही है। बताया गया है कि प्रदीप और उसके भाई नशे के आदी हैं। प्रधानी चुनाव में वोट ना देने को लेकर मामूली कहासुनी हुई। जिसके बाद ही प्रदीप और उसके भाइयों ने अख्तर की हत्या कर दी।
अख्तर के परिजनों को जब पता चला कि प्रदीप त्यागी, उसके भाई राजू, संदीप उर्फ संजू ने अख्तर को घेरकर पीटा और फिर फावड़े से हत्या कर दी। इसकी जानकारी लगते ही पीड़ित परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोपी राजू पर हमला बोल दिया। राजू वहां से जान बचाकर भागा तो एक गाड़ी से टकरा गया। जिससे वह घायल हो गया। आरोपी राजू नशे में धुत है पुलिस ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। लोगों की भीड़ उमड़ गई। गनीमत रही कि पुलिस ऐनवक्त पर मौके पर पहुंची। अन्यथा भीड़ आरोपियों के घर पर हमला कर सकती थी
अस्पताल में अख्तर को मृत घोषित किये जाने की सूचना जैसे ही उसके परिवारजनों को मिली, उनमें कोहराम मच गया। पत्नी नसीमा बेसुध हो गई। थोड़ी ही देर में आस-पड़ौस के लोगों की भीड़ घर पर जुटने लगी। कुछ ही देर में पूरे क्षेत्र का माहौल बदल गया। लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इंस्पेक्टर भावनपुर, सीओ सदर देहात पूनम सिरोही भी गांव पहुंच गये। उन्होंने अख्तर के परिवारजनों से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया।
अख्तर की मौत होने के बाद आक्रोशित लोग उसके शव को लेकर हॉस्पिटल से भावनपुर थाने आ गये। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह शव को थाने के सामने बीच रास्ते पर रखकर धरने पर बैठ गये। इसके बाद वहां जाम लग गया। वाहनों की लंबी कतार लग गई। थाने के सामने शव रखकर जाम लगाने की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया। एसपी देहात केशव कुमार मौके पर पहुंचे और किसी तरह आक्रोशित भीड़ को समझाकर रास्ता खुलवाया।