नई दिल्ली। बारिश की बूंदे दिल और दिमाग को काफी सुकून देती है, क्योंकि भीषण गर्मी, उमस और चिलचिलाती धूप के बाद जब मानसून आता है तो ये राहत का अहसास देता है. बरसात का मौसम कई लोगों को पसंद आता है क्योंकि इससे तापमान में गिरावट देखने को मिलती है और माहौल सुहाना हो जाता है, लेकिन बारिश अपने साथ कई बीमारियां और संक्रमण को साथ लाता है. इसलिए हमें इस दौरान अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए, खासकर खाने पीने का सेलेक्शन सोच समझकर करना जरूरी है. भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ‘निखिल वत्स’ ने बताया कि ऐसे कौन कौन से चीजें हैं जिनका सेवन मानसून में नहीं करना चाहिए.

सनातन धर्म में सावन के महीने में नॉन वेज फूड्स को खाने से मना किया गया है, लेकिन इसके पीछे साइंटिफिक रीजन भी है, दरअसल बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और मांस के जल्दी सड़ने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि डायरेक्ट सनलाइट की कमी के कारण कीटाणुओं का प्रजनन तेजी से होता है.

मानसून के दौरान खास तौर से हरी पत्तेदार सब्जियों से परहेज करना चाहिए, भले ही इसमें कितने भी पोषक तत्व क्यों न हों. बरसात के वक्त नमी थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है जिससे जर्म्स को पैदा होने में मदद मिलती है, ये पत्तेदार सब्जियों पर भी हमला करते हैं और इसे खाने लायक नहीं छोड़ते.

दही हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसके जरिए डाइजेशन को दुरुस्त रखा जा सकता है, लेकिन बरसात के मौसम में इसे नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये ठंडी तासीर वाली चीज है, इसलिए दही को खाने से सर्दी-जुकाम और गले में खराश हो सकती है.

बरसात के दौरान कीड़े- मकोड़ों की संख्या काफी बढ़ जाती है और इससे डेंगू-चिकनगुनिया के मच्छर बढ़ने लगते हैं जिससे दूध देने वाले मवेशी भी बीमार पड़ जाते हैं, इसलिए इन जानवरों के दूध को पीने से बीमारियों का खतरा बना रहता है.