उज्जैन। कोरोना संक्रमण से जिले में अब स्थिति भयावह होती जा रही है अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन की कमी के बाद अब श्मशान भी जगह कम पड़ने लगी है। उज्जैन में भी इस वायरस का कहर कुछ इस तरह है कि स्थिति सबसे ज्यादा डरा देने वाली है, शहर के चार श्मशानघाट है और चारों में वेटिंग जैसी स्थिति है।
अब लोग इंतजार नहीं कर रहे है जिसे जहां जगह मिल रही है वह वहीं शव जला रहे हैं। हालात ये है कि कई अधजली लाशों को कुत्ते नोच रहे हैं। जिसका वीडियो भी सामने आया है जो उज्जैन के त्रिवेणी मोक्ष धाम मोती नगर स्तिथ श्मशानघाट का है।
तस्वीर इतनी डरा देने वाली है कि आपकी आत्मा सिहर उठेगी। त्रिवेणी मोक्ष धाम पर रोजाना एक के बाद एक शवों के आने का सिलसिला जारी रहता है। ऐसे में अब परिजन को जब ओटले नहीं मिले तो उन्होंने खुली जगह में ही शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। यह सिलसिला देर रात तक जारी है शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, शहर का चक्र तीर्थ शमशान घाट जो विश्व भर के चार प्रसिद्ध श्मशानों में से एक है। वहां पर भी कुछ इसी तरह का नजारा है। श्मशान में चिता जलाने की जगह नहीं बची है तो अब लोग सड़क पर ही दो पहिया वाहन स्टैंड के पास बैठने के लिए रखी बेंच के पास ही शव जलाने को मजबूर है। ये तस्वीर उन लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सबक है जो सावधानी बरतने की बजाय कोरोना को महज एक मजाक समझ रहे हैं।
उज्जैन में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, रोजाना हो रही मौतों को लेकर अगर सरकारी आकंड़े के बात करें तो 1 अप्रेल से 22 अप्रैल तक 24 मौत कोरोना से हो चुकी है लेकिन श्मशान में जल रही चिता के अनुसार ये आंकड़े करीब 10 गुना ज्यादा है जिनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी नेगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया, उज्जैन में कई घरों में परिवार के परिवार खत्म हो रहे हैं। त्रिवेणी मोक्ष धाम में काम करने वाले निगम कर्मी ने बताया कि रोजाना 15 से 20 शव आ रहे हैं लेकिन मोती नगर के रहवासी कहते हैं कि दिन में 25 से 30 बार गाड़िया शव लेकर आ रही है। इस कारण से यहां ये स्थिती बन रही है।