मुजफ्फरनगर। खतौली क्षेत्र के तिगाई गांव में आठ साल पहले गैर इरादतन हत्या के तीन दोषियों को अदालत ने दस-दस साल की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या छह के पीठासीन अधिकारी शाकिर हसन ने फैसला सुनाया।

सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नीरजकांत मलिक और अरुण जावला ने बताया कि छह फरवरी 2015 को सुबह करीब आठ बजे भैंसा-बुग्गी लेकर मुकेश कुमार और उसका भाई जवाहर लाल खेत में जा रहे थे। फावड़ा घर रह जाने के कारण मुकेश बुग्गी से उतरकर लौट गया था। इसी दौरान गांव के ही तीन युवकों ने जवाहर लाल पर बुग्गी के खूंटों से हमला कर दिया था।

शोर-शराबा होने पर मुकेश और उनकी पत्नी रेखा देवी मौके पर पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई थी। पुलिस ने तीनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया था। रेखा देवी की ओर से रामगोपाल, अविनाश और नीरज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उपचार के दौरान जवाहर लाल की मौत हो गई थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट संख्या छह में हुई। अदालत ने तीनों दोषियों को गैर इरादतन हत्या में 10-10 साल की सजा और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 325 में सात साल, धारा 323 में एक साल और धारा 352 में तीन महीने कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों अभियुक्तों पर 28 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।