मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की विशेष एससी-एसटी निवारण कोर्ट ने दलितों से मारपीट करने के 6 दोषियों को 3-3 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 18 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 14 साल पहले गली में ट्रांसफार्मर रखने को लेकर विवाद हुआ था।

विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह व सहदेव ने बताया कि थाना भोपा क्षेत्र के गांव रुड़कली में दलित समाज के अमित, जनेश्वर तथा जोनी 28 जून 2008 शौच के लिए जंगल की तरफ गए थे।

लौटते समय रास्ते में ही असजद, नईमुद्दीन, डा. उस्मान, मो. कमर तथा इरफान व सैदा आदि ने उन्हें रोक लिया। जिसके बाद जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए सभी को लाठी- डंडो से मारपीट कर घायल कर दिया।

इस मामले में पुलिस ने गांव रुड़कली के अमित पुत्र रामचंदर की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। मामले की जांच सीओ विकास कुमार ने की थी। इसके बाद सभी 6 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी।

अभियोजन के अनुसार दलित समाज के लोग गांव रुड़कली में उनकी गली में ट्रांसफार्मर लगवाना चाहते थे। जबकि आरोपितों ने ऐसा करने से उन्हें मना करते हुए ट्रांसफार्मर बुग्गी में रख लिया था।

इस बात को लेकर दोनों पक्ष में रंजिश पैदा हो गई थी। जिसके उपरांत एक दिन बाद ही आरोपियों ने जंगल से लौटते समय मारपीट की थी।

विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष एससी-एसटी निवारण अधिनियम कोर्ट के जज जमशेद अली ने की।

उन्होंने बताया कि अभियोजन ने इस मामले में कोर्ट में 6 गवाह पेश किए। बताया कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सभी 6 आरोपित असजद, नईमुद्दीन, उस्मान, मो. कमर तथा इरफान एवं सैदा को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई है।