बागपत। शुक्रवार काे डीएम लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन अतुल कुमार, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के एक्सईएन हबीबुल्लाह, तहसीलदार प्रसून कश्यप और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश राणा को लेकर ठाकुरद्वारा पहुंचे और वहां मकानों का निरीक्षण किया। डीएम और इंजीनियरों ने राधेश्याम शर्मा तथा राजीव गुप्ता के मकान देखे। इन मकानों में जगह-जगह फर्श दरकने, आई दरारें और छत के लिंटर को पहुंचे नुकसान को देखकर डीएम हैरान रह गए। उन्होंने मकानों की मरम्मत का आश्वासन दिया।
पीड़ितों ने डीएम को बताया कि छह माह पूर्व एक गैस कंपनी ने शहर में गैस पाइपलाइन बिछवाई, जिससे अंडरग्राउंड पेयजल पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हुई। गैस पाइपलाइन से कनेक्शन के लिए खोदे गड्ढे नहीं भरे गए, जिससे नालियों का पानी मकानों की नींव में जाता रहा। बाद में लोगों ने स्वयं गड्ढों को भरवाया। नगर पालिका तो 94 लाख रुपये लेकर बैठ गई।
डीएम ने कहा कि प्रथमदृष्टया प्रतीत हो रहा है कि पाइपलाइन से पानी रिसाव के कारण मकानों में दरारें आई हैं। कुछ लोगों ने नगर पालिका को बताए बिना पाइपलाइन से प्राइवेट कनेक्शन ले रखे हैं, जिनसे कहीं पानी रिसाव हुआ है। पानी रिसाव का पता लगाने को पालिका कर्मी और लोक निर्माण व ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के इंजीनियरों को लगाया गया, जो जांच कर रिपोर्ट देंगे। पानी के रिसाव की खोज के लिए खोदाई शुरू करा दी गई है। गैस कंपनी ने 94 लाख रुपये गड्ढे भरने और तोड़ी गई सीसी रोड को ठीक कराने को नगर पालिका को दिए। डीएम ने एक्सईएन लोक निर्माण, एक्सईएन आरईएस, तहसीलदार, ईओ की टीम बनकर जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
डीएम ने ईओ को फटकार लगाते हुए पानी की अवैध तरीके से आपूर्ति करने वालों को नोटिस देने का निर्देश दिया। गड्ढे भरने और तोड़ी गई सड़कें ठीक कराने मेें घटिया निर्माण कराने पर ठेकदारों को ब्लैक लिस्टेड करने, एफआइआर कराने और कार्यदायी संस्था की भूमिका की जांच कराने के निर्देश दिए। लेखपालों की टीम से शहर में यह पता लगवाया जा रहा कि गैस पाइपलाइन बिछाने को खाेदे गए गड्ढे कितने लोगों ने स्वयं भरे और कितने पालिका ने भरवाए।
बागपत। मकानों में दरार आने से करोड़ों के नुकसान का अनुमान है। राधेश्याम बताते हैं कि 75 गज में बने तीन मंजिला मकान बेकार हो गया, जिससे 30 लाख से ज्यादा का नुकसान है। राजीव गुप्ता बोले कि 130 गज में मकान बना है, लेकिन 50 लाख का नुकसान है। भूपेंद्र शर्मा के मकान में भी मरम्मत पर लाखों खर्च होंगे। कुल मिलाकर आठ मकानों में दरार आने से करोड़ों रुपये की चपत लगी है। सुशीला गुप्ता कहती है कि जीवन भर की खून पसीने की कमाई ही डूब गई। मकान बनाना कोई बच्चों को खेल नहीं वह भी इस महंगाई के दौर में। बोली कि दूसरी जगह जाने के लिए मकान पैक कर रहीं हूं। यूं समझिए कि म्हारे सपनों में दरार आ गई है।
जिस जगह मकानों में दरार आई है, वहां से चंद कदम दूरी पर 250 साल पुराना ठाकुरद्वारा मंदिर है। राजीव गुप्ता, जयकिशन समेत कई लोगों ने बताया कि ठाकुरद्वारा मंदिर होने के कारण इस माेहल्ले का नाम ठाकुरद्वारा पड़ा। ठाकुरद्वारा मंदिर की बड़ी मान्यता है। इसमें राघा-कृष्ण, भगवान विष्णु-महालक्ष्मी, बगलामुखी, हनुमान जी, शिवालय, राम दरबार तथा पंचमुखी हनुमान की मूर्ति हैं।