मुजफ्फरनगर। चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू होने में भले ही अभी समय हो, लेकिन कोल्हूओं पर गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। गन्ने का भाव 250 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान है। आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए किसानों ने गन्ने की सप्लाई शुरू कर दी है।

जिले में कोल्हू का संचालन शुरू हो गया है। बुढ़ाना मार्ग पर हरसौली गांव में सबसे पहले कोल्हू में पेराई शुरू हुई है। एक सप्ताह में यहां कम से कम पांच कोल्हू और संचालन के लिए तैयार है।

सरसों की बुआई की तैयारी कर रहे किसान या फिर असोजी गन्ने की बुआई की चाह रखने वाले किसान भी खेत खाली करने की चाह में सप्लाई कर रहे हैं। लेकिन कोल्हू में मिल रहे भाव से किसान निराश है। यहां सिर्फ 250 रुपये प्रति क्विंटल का भाव ही दिया जा रहा है।

कोल्हू में बनाए जा रहे गुड़ की सप्लाई अभी मंडी में शुरू नहीं हुई है। कोल्हू से डिब्बों में पैक कर गुड़ को ई-रिक्शा में लादकर सीधे गुड़ व्यापारी के गोदाम पर भेजा जा रहा है। गन्ने में अभी मिठास कम है।

ऐसे में गुड़ बनाने के लिए चीनी की मदद ली जा रही है। ऐसे में गुड़ की गुणवत्ता पर भी सवाल है। जिले में लगभग तीन हजार कोल्हू में प्रत्येक वर्ष गन्ने की पेराई होती है। सबसे अधिक कोल्हू तितावी और शाहपुर क्षेत्र में ही है।

पेराई सत्र शुरू होने से पहले किसानों का आंदोलन भी तेज हो गया है। भाकियू, भाकियू अराजनैतिक और भाकियू तोमर ने 450 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक गन्ना मूल्य की मांग सरकार से की है। चुनावी साल होने के चलते इस बार गन्ने का दाम बढऩे के आसार भी लगाए जा रहे हैं।