मुजफ्फरनगर। मुआवजे का इंतजार कर रहे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानों को जोर का झटका लगेगा। तीन श्रेणी में तय की गई मुआवजा राशि किसानों की अपेक्षा से बेहद कम है। पुरकाजी, मोरना, जानसठ में अधिक नुकसान हुआ है। एक बीघा खेत का अधिकतम मुआवजा 1200 रुपये दिया जाएगा।

बाढ़ से होने वाले नुकसान का मुआवजा निर्धारित कर दिया गया है। इसमें फसलों के लिए तीन श्रेणी बनाई गई। असिंचित जमीन पर किसानों को 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। यानि प्रति बीघा करीब 454 रुपये। सिंचित जमीन के लिए 13 हजार 500 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। यानी नौ सौ रुपये प्रति बीघा ही किसानों को मिल सकेंगे।

जिस जमीन में किसान विभिन्न प्रकार की फसल ले रहे हैं, उनके लिए मुआवजा 18 हजार प्रति हेक्टेयर तक किया गया है। इन किसानों को भी अधिकतम 1200 रुपये प्रति बीघा के हिसाब से ही मुआवजा मिलेगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार ने मुआवजा राशि की पुष्टि की है।

मुजफ्फरनगर। सोलानी, हिंडन, गंगा, कृष्णा, नागिन और काली नदी के किनारे के किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ की चपेट में 16 हजार हेक्टेयर जमीन आई है। इसमें दस हजार हेक्टेयर जमीन ऐसी रही, जिसमें पानी जल्द उतर गया और फसलों को मामूली नुकसान हुआ है। छह हजार हेक्टेयर जमीन ऐसी है, जिसमें किसानों को अधिक नुकसान हुआ है। एडीएम वित्त गजेंद्र कुमार का कहना है कि पूरे जिले में किसानों के नुकसान का सर्वे चल रहा है।

एसडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि सदर तहसील में ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हम कुल 72 गांवों में नुकसान का सर्वे करा रहे हैं। तहसील में 6265 हेक्टेयर जमीन में फसल नष्ट हुई है।

एसडीएम परमानंद झा ने बताया कि उन्होंने चीनी मिल खाईखेड़ी के जीएम से सर्वे का रिकॉर्ड मांगा था। उन्होंने बताया कि बाढ़ से उनके मिल क्षेत्र में साढ़े पांच हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल नष्ट हो गई है। इस मिल के पास सोलानी और गंगा खादर का क्षेत्र अधिक है।

तय मुआवजा राशि के हिसाब से किसानों को उनकी लागत भी वसूल नहीं होगी। एक बीघा खेत में करीब 80 क्विंटल गन्ने का ही उत्पादन माने तो ंलगभग 26 हजार रुपये का गन्ना पैदा होना था। वर्तमान में चारे की फसल ज्वार की कीमत औसतन जिले में आठ से 10 हजार रुपये प्रति बीघा है।

जानसठ। तहसील क्षेत्र में बाढ़ से 10 गांवों के 7200 लोग प्रभावित हुए है। एसडीएम सुबोध कुमार ने बताया कि बाढ़ से आबादी और कृषि का क्षेत्रफल पांच हजार 559 हेक्टेयर प्रभावित हुआ है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में किसानों की कृषि का एरिया तीन हजार 30 हेक्टेयर प्रभावित हुआ है। कृषि विभाग की टीम आंकलन कर रही है। शीघ्र ही उसकी रिपोर्ट आने पर शासन को भेज दी जाएगी।