नई दिल्ली. आरबीआई की मेहरबानी से देश में अभी कर्ज की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से नीचे हैं. इसका फायदा कॉरपोरेट कर्जदारों के साथ होम लोन व अन्य दूसरे तरह के खुदरा कर्ज लेने वाले ग्राहक भी उठा रहे हैं. इसके लिए कर्जदार एक बैंक से दूसरे बैंक में अपने लोन को धड़ाधड़ ट्रांसफर करा रहे हैं.
कई दिग्गज बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि ग्राहक सस्ते कर्ज का फायदा उठाने के लिए दूसरे बैंक में भाग रहे हैं. खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता ने 31 जनवरी को कहा था कि वह अपना 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर कराना चाहती है. कंपनी ने 2020 में 10 हजार करोड़ का कर्ज एसबीआई की अगुआई वाले बैंक समूह से 10.5 फीसदी ब्याज दर पर लिया था. कंपनी इसे ट्रांसफर कराके 2 फीसदी ब्याज दर कम करा सकती है.
स्ट्रांग बैलेंस शीट वाले कर्जदार मांग रहे सस्ता लोन
पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि जिन कॉरपोरेट कर्जदारों के पास पर्याप्त नकदी और मजबूत बैलेंस शीट है, वे बैंकों पर ब्याज घटाने का दबाव बना रहे और बैंकों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण दरें नीचे जा रही हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ एग्जीक्यूटिव संजीव चढ्ढा का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती का चक्र शुरू होने के बाद से ही ग्राहक लगातार बैंक बदल रहे हैं.
होम लोन के ग्राहक भी बदल रहे हैं बैंक
बैंक ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर स्वरूप दासगुप्ता का कहना है कि होम लोन सुरक्षित होने की वजह से ग्राहक बैंकों पर ब्याज दरें घटाने या फिर ट्रांसफर कराने का दबाव बना रहे हैं. कई बैंक तो नया कर्ज बांटने के लिए अपने वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे. एसबीआई के पास ही 2.06 लाख करोड़ का वर्किंग कैपिटल है, जिसमें से 1.99 लाख करोड़ का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा.
आने वाली तिमाहियों में सुधरेंगे हालात
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के चीफ एग्जीक्यूटिव एसएस मल्लिकार्जुन राव का कहना है कि आने वाली तिमाहियों में रिजर्व बैंक ब्याज दरों को एक बार फिर बढ़ा सकता है. इसके बाद ही लोन ट्रांसफर की झंझट से छुटकारा मिलेगा. अभी ग्राहक सस्ते कर्ज की लालच में एक बैंक से दूसरे में अपना लोन ट्रांसफर करा रहे हैं. ऐसे में कुछ बैंकों को अपने ग्राहकों को रोकने के लिए भी ब्याज दरें सस्ती करनी पड़ रही हैं.