मुजफ्फरनगर। जिले में लगभग सात करोड़ की लागत से साइबर थाना बनेगा। इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कराई है। थाना और आवासीय भवन बनाने के लिए पुलिस लाइन में जमीन को देखा गया है। जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी जिला पुलिस ने रिपोर्ट भेज दी है।
18 दिसंबर 2022 को मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थाना बनाने के आदेश दिए थे। तभी से यह प्रक्रिया चल रही है। सूत्र बताते हैं कि मेरठ जोन क्षेत्र क्षेत्र के 18 थानों में यह कार्रवाई शुरू की गई थी इनमें से ग्यारह का निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था भी नामित कर ली थी।
सात थानों के लिए कार्रवाई चल रही है। इनमें मुजफ्फरनगर जनपद भी शामिल है। जिला पुलिस ने थाना बनाने के लिए प्रस्ताव जिलाधिकारी और डीआईजी को भेजी है।
बताया गया कि जिले में साइबर थाना 1700 वर्गगज जमीन पर बनेगा। इसके लिए पुलिस लाइन में जमीन देखी गई है।
थाना बनने पर उसमें एक निरीक्षक, दो दारोगा, तीन सिपाही, दो कंप्यूटर आपरेटर, सात सिपाही व एक चालक की तैनाती होगी।
शहर में खालापार थाना लगभग सात करोड़ की लागत से बन रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि साइबर थाना में भी सात करोड़ की लागत लग सकती है।
जिले में साइबर अपराधियों ने एक जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 तक 326 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। इन लोगों से 89 लाख की ठगी गई है। जिले की साइबर सेल टीम ने कार्रवाई कर 63 लाख रुपये पीडितों के खातों में वापस कराए हैं। जिले में ठगी की लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं।
शासन के आदेश पर जिले में साइबर थाने बनने की कार्रवाई की जा रही है। – अर्पित विजय वर्गीय, एसपी सिटी।