मुज़फ्फरनगर। रामपुर तिराहाकांड में महिला से हुए दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए है। बहस जारी रखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
एक अक्टूबर 1994 की रात पृथक राज्य की मांग के लिए दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहे पर रोक लिया था। टकराव होने पर पुलिस की तरफ से फायरिंग की गई थी। पुलिस फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हो गयी थी। वहीं महिलाओं से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के आरोप भी लगे थे।
उत्तराखंड राज्य संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने विवेचना कर अलग-अलग दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। एडीजीसी प्रविन्द्र सिंह ने बताया कि घटना से संबंधित दो मुकदमों की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र कोर्ट नम्बर सात के न्यायाधीश शक्ति सिंह की कोर्ट में चल रही है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को कोर्ट में सरकार बनाम मिलाप सिंह मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट में बचाव पक्ष की और से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र शर्मा और राज सिंह पंवार ने बहस की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। बहस जारी रखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 दिसम्बर की तिथि नियत की है। इस मामले में सीबीआई ने मिलाप सिंह व वीरेन्द्र प्रताप को आरोपी बनाया था।