बागपत. भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के पहले चरण का निर्माण चार महीने बाद फिर से शुरू हो गया है। निर्माण धीमा होने के गायत्री कंपनी को जनवरी में टेंडर रद्द करने का नोटिस दिए जाने के बाद से काम बंद पड़ा था। अब दोबारा से सीगल कंपनी ने कार्य शुरू किया है। वर्ष 2024 तक उसे पूरा करने का लक्ष्य है।
दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के पहले चरण की शुरूआत मार्च 2021 में हुई थी। पहले चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से दिल्ली तक छह लेन की एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। जिसमें 1326 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसका टेंडर हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया था। कंपनी ने निर्माण शुरू जरूर किया, लेकिन वह दिसंबर 21 तक दस प्रतिशत काम भी नहीं कर सकी। इसलिए एनएचएआई ने कंपनी का टेंडर रद्द करने के लिए नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद कॉरिडोर का निर्माण बंद पड़ा हुआ था। अब एनएचएआई ने सीगल कंपनी को कॉरिडोर के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है। कंपनी ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है।
इस तरह होना है पहले व दूसरे चरण में निर्माण
दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण के पहले चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से दिल्ली तक एलिवेटेड रोड बनना है। जिसका 1326 करोड़ रुपये का बजट तैयार हुआ था। जबकि दूसरे चरण का शिलान्यास 4 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने देहरादून से किया था, जिसपर 8300 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इस पर हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ व बड़ौत को जोडने के लिए सात जगह इंटरचेंज होंगे।
इसलिए बंद हो गया था निर्माण कार्य
एनएचएआई ने गायत्री कंपनी को टेंडर रद्द करने के लिए भेजे नोटिस में लिखा था कि उनको अभी तक पूरे कार्य का दस प्रतिशत करना था, लेकिन वह दिसंबर 21 तक केवल एक प्रतिशत ही कर सके। इस तरह निर्माण काफी धीमी गति से किया गया। नेशनल हाईवे गड्ढामुक्त नहीं हुआ और निर्माण कार्य व्यवस्थित नहीं होने से जाम लगता है। इसके अतिरिक्त भी अन्य कई काम नियम के अनुसार नहीं कराए गए।
इकोनॉमिक कॉरिडोर के पहले चरण के लिए ईपीई से दिल्ली तक एलिवेटेड रोड का निर्माण सीगल कंपनी ने शुरू कर दिया है। इसका निर्माण वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे को गड्ढामुक्त कर दिया है।