नई दिल्ली। मोटापे और मधुमेह की शिकार महिला के गर्भ में पल रहे शिशु में छठे महीने के दौरान आकार बढ़ने की पांच गुणा ज्यादा संभावना होती है. एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है. अध्ययन में कहा गया है कि ऐसे बच्चों में बाद में मोटापा और मधुमेह होने की संभावना भी ज्यादा होती है. अध्ययन में कहा गया है कि जब गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मुधमेह का शिकार होती हैं तो उसके गर्भ में स्थित भ्रूण का अत्यधिक विकास होने लगता है. इसमें कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान विभिन्न जांच करवाना बेहद जरूरी है.

शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस स्थिति को खानपान और कसरत के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर दवाई भी ली जा सकती है. अध्ययन के प्रमुख लेखक ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के यूल्ला सोवियो का कहना है, “हमारे शोध से पता चला है कि अगर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में मधुमेह के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनके गर्भ में पल रहे शिशु असामान्य रूप से बड़े हो जाते हैं. इसलिए गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर मधुमेह की जांच करवानी चाहिए.”