नई दिल्ली| मॉनसून सत्र के दौरान संसद के गलियारे से पिछले दिनों एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिससे कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस एक तस्वीर को आगामी लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जाने लगा। दरअसल, यह तस्वीर सपा सांसद डिंपल यादव और बीजेपी एमपी वरुण गांधी की थी। वरुण और डिंपल संसद में आपस में कुछ बात करते हुए दिखाई दे रहे थे। इस तस्वीर को वरिष्ठ पत्रकार विकास भदौरिया ने क्लिक किया था। सपा और बीजेपी सांसद के बीच होने वाली बातचीत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वरुण यूपी के पीलीभीत से सांसद हैं और लंबे समय से अपनी ही पार्टी से नाराज हैं। किसान आंदोलन, बेरोजगारी, अग्निवीर समेत तमाम मुद्दों पर समय-समय पर वरुण बीजेपी की नीतियों पर ही सवाल उठाते रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से वे पहले की तुलना में कुछ शांत जरूर हैं, लेकिन अब भी सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि बीजेपी आम चुनाव में उनका टिकट काट सकती है।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है। जनवरी के आखिरी में चुनाव का बिगुल बज सकता है, जबकि मार्च, अप्रैल और मई में विभिन्न चरणों में चुनाव करवाए जा सकते हैं। चुनाव से ठीक पहले वरुण और डिंपल की बात करते हुए तस्वीर सामने आने के बाद इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। लोग जानने के लिए इच्छुक हैं कि आखिर में दोनों के बीच क्या कोई सियासी चर्चा हो रही थी या फिर ऐसे ही अचानक गुजरते हुए एक-दूसरे का हालचाल जाना। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, लेकिन मुलाकात जरूर अहम मानी जा रही।
वरुण गांधी बीजेपी के उन नेताओं में शामिल हैं, जो अन्य दलों के नेताओं की तारीफ करने से नहीं चूकते। कभी वह देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की तारीफ करते हैं तो कभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव की। वरुण ने अखिलेश के बारे में खुले मंच से कहा था कि एक दिन मैंने सोचा कि वह कौन सा मानक है, जिसके तहत किसान और आम आदमी आ सकते हैं। अखिलेश यादव उस समय यूपी के सीएम थे। इस वजह से मैंने उन्हें लेटर लिखा। अखिलेश यादव ने बड़ा मन दिखाते हुए अधिकारियों से कहा कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए और मदद करनी चाहिए। पहले अखिलेश की तारीफ और अब डिंपल यादव से मुलाकात से साफ है कि वरुण गांधी के रिश्ते अखिलेश व डिंपल से खराब नहीं हैं और आने वाले समय में यदि जरूरत पड़ती है तो सपा की ओर भी जा सकते हैं। वहीं, अखिलेश से भी जब इस बाबत सवाल किया गया कि क्या वरुण गांधी सपा कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं, इस पर उन्होंने घुमा-फिराकर जवाब दिया कि जो भी कड़ा मुकाबला करेगा, पार्टी उसे टिकट देगी।
वरुण गांधी बीजेपी के दिग्गज नेता हैं, लेकिन पिछले कई सालों से उनके सितारे गर्दिश में हैं। 2014 के बाद दो कार्यकालों में वरुण को कोई भी मंत्रिपद नहीं दिया गया है, जबकि उनकी मां मेनका भी अभी मिनिस्टर नहीं हैं। पार्टी की नीतियों के खिलाफ लगातार बयानबाजी के चलते वरुण को लेकर माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कटना लगभग तय है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी वरुण की जगह पीलीभीत से ओबीसी विधायक संजय सिंह गंगवार को मैदान में उतार सकती है। इसके जरिए ओबीसी वर्ग को मैसेज देने की कोशिश होगी। ऐसे में यदि वरुण गांधी का टिकट कटता है तो उनके पास सपा, बसपा या कांग्रेस में जाने का विकल्प होग। यूपी में सपा ही इकलौती ऐसी पार्टी मौजूदा समय में दिखाई दे रही है, जो मैदान पर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हो। 2022 विधानसभा चुनाव में भी सपा यूपी की मुख्य विपक्षी दल बनी है। कांग्रेस और बसपा की हालत यूपी में किसी से छिपी नहीं है। इस वजह से यदि वरुण गांधी का टिकट कटता है तो सूत्र मान रहे हैं कि वे सपा की ओर जा सकते हैं। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी होगी, लेकिन सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं लंबे समय से हैं।