मुजफ्फरनगर। विपक्षी खेमे के सभासदों द्वारा नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन के समक्ष मचाये गये नगरपालिका परिषद् में तथाकथित भ्रष्टाचार के शोर की चाल विपक्ष के लिए उल्टी पड़ती नजर आ रही है। नगर विकास मंत्री के सफाई व्यवस्था पर जताये गये असंतोष को लेकर जब जिलाधिकारी ने हकीकत जानने के लिए मीटिंग ली तो सारा मामला ही दूसरा निकला। यहां पर कामकाज के प्रति लापरवाही बरते जाने पर डीएम ने पालिका ईओ को जमकर लताड़ पिलाई और कार्यप्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी दी। ईओ से सफाई व्यवस्था व अन्य कामकाज के लिए ईओ से जो भी सवाल किये, उनका वह जवाब देने के बजाये बगले झांकते नजर आये। इसके साथ ही पालिका में कामकाज को सुधारने के लिए उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह को नोडल अधिकारी के रूप में दायित्व भी सौंप दिया है। डीएम ने यह निर्णय नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल से पालिका में अफसरों की कार्यप्रणाली को जानने के लिए बाद लिया। इससे स्पष्ट है कि विपक्षी खेमे द्वारा चेयरपर्सन को घेरने के लिए जो शतरंज बिछाई गई थी, उसमें विपक्ष के ही मोहरे पिटने लगे हैं।

बता दें कि 11 अगस्त को नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन शहर में विकास कार्यों को गति देने के लिए आये थे। उनके समक्ष पालिका में विपक्षी खेमे के सभासद राजीव शर्मा व मनोज वर्मा आदि ने पालिका में भ्रष्टाचार और शिकायत करने पर उनके वार्डों मेें कामकाज नहीं होने देने के आरोप लगाते हुए चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल की शिकायत की थी। जांच की भी मांग की गयी थी। वहीं टाउनहाल में नगरपालिका परिषद् द्वारा आयोजित कार्यक्रम को भी विपक्ष की शह पर विफल करने का काम किया गया। इसके साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर नगर विकास मंत्री ने खुले मंच से असंतोष जाहिर किया था।

सूत्रों के अनुसार इन सभी मामलों को लेकर जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह द्वारा गत दिवस देर शाम ईओ पालिका हेमराज सिंह को अपने कैम्प कार्यालय पर तलब किया था। डीएम द्वारा इस मीटिंग के लिए चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को भी आमंत्रित किया गया। वहीं एडीएम प्रशासन अमित सिंह व अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। मीटिंग में शहर में सफाई व्यवस्था, पथ प्रकाश और कूड़ा निस्तारण के साथ ही सभासदों के वार्डों की समस्याओं, पालिका के विभागीय कामकाज और ठेकेदारों व फर्मों का कार्य उपरांत भुगतान आदि मामलों पर वार्ता हुई। शहर में बनी समस्याओं और विवादों को भी इस मीटिंग में रखा गया। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने डीएम को जब यह बताया गया कि शहरहित और कर्मचारियों के हितों को लेकर पत्रावलियों के उचित एवं समयब( निस्तारण में ईओ की भूमिका नकारात्मक रहती है। पत्रावलियों को अनावश्यक रूप से लटकाया जाता है और विवाद उत्पन्न किये जाते हैं, तो डीएम ने इस पर ईओ से जवाब मांगा व अनुत्तर ही रहे। इसके साथ ही जब डीएम ने उनसे पूछा कि शहर में कितने वार्डों में कूड़ा कलेक्शन का कार्य हो रहा है और शेष वार्ड में क्यों नहीं शुरू हो पाया तो भी ईओ जवाब नहीं दे पाये। ठेकेदारों के भुगतान लटकने को लेकर भी ईओ खामोश ही रहे तो डीएम ने उनको जमकर लताड़ पिलाई और चेतावनी दी कि यदि पालिका में कामकाज का स्तर सुधारा नहीं गया और कार्यप्रणाली को नहीं बदला तो गंभीर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने शहर में कूड़ा कलेक्शन सम्पूर्ण वार्डों में शुरू नहीं होने पर भी ईओ के प्रति नाराजगी जताई। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि पालिका में अब जनहित के कामकाज का कार्यान्वयन कराने और शासकीय कार्यक्रमोें की देखरेख के लिए एडीएम प्रशासन अमित सिंह नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे।

चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने डीएम के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि एडीएम प्रशासन के नोडल अधिकारी बन जाने से पालिका में अनावश्यक रूप से पैदा होने वाले विवादों पर विराम लगेगा और कार्यों मेें भी पारदर्शिता आयेगी। उन्होंने बताया कि हमने शहर के सभी वार्डोें में कूड़ा कलेक्शन का कार्य प्रारम्भ कराने के भरसक प्रयास किये, लेकिन ईओ के आचरण सही नहीं होने के कारण केवल नई मण्डी, गांधी कालौनी, सदर बाजार, भरतीया कालौनी, जानसठ रोड से जुड़े 10 वार्डों में ही यह ठेका हम दे पाये, 40 वार्डों में हम अभी कूड़ा कलेक्शन शुरू नहीं करा पाये हैं। इसके लिए ईओ को कई बार कहा गया, लेकिन उनको सहयोग नहीं मिल पाता है।

बता दें कि जब भी विपक्ष ने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को घेरने का प्रयास किया है, उनका वार उल्टा ही पड़ा। विपक्षी खेमे के सभासदों ने नगर विकास मंत्री के सामने भी यही प्रयास किया, लेकिन उनकी शिकायत का ठींकरा ईओ के सिर फूट गया और उनको डीएम की फटकार का सामना करना पड़ा।