नई दिल्ली. सुसाइड यानी आत्महत्या एक ऐसी समस्या है जिससे विश्वभर को जूझना पड़ रहा है. कब किसी व्यक्ति के मन में इतनी निराशा भर जाए कि वह सुसाइड करने पर मजबूर हो जाए कह नहीं सकते. लेकिन, अगर ध्यान दिया जाए तो अपने किसी करीबी को सुसाइड जैसा गंभीर कदम उठाने से आप रोक सकते हैं. बता दें कि हर साल 10 सिंतबर के दिन को जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे घोषित किया गया है. सुसाइड से किसी को रोकने के लिए बस किसी दोस्त या करीबी के सुसाइडल बातों और अन्य लक्षणों को किसी हालत में नजरअंदाज नहीं करना है. निम्न ऐसे ही कुछ लक्षणों की सूची दी गई है जिससे पहचाना जा सकता है कि कोई व्यक्ति सुसाइड के बारे में सोच रहा है या यह कदम उठाने वाला है.

अक्सर देखा गया है कि जो व्यक्ति सुसाइड करने के बारे में सोच रहा है उसमें अत्यंत उदासी नजर आने लगती है. ऐसा व्यक्ति अपने वर्तमान और भविष्य को लेकर निराशा के भाव में चिंता प्रकट करने लगता है.

खुदको मारने की धमकी देना भी सुसाइड का लक्षण कहा जा सकता है. अगर व्यक्ति किसी बात से निराश होने पर या फिर लड़ाई-झगड़ा करने पर इस बात का जिक्र करता है कि वह खुदको खत्म कर लेगा तो आपको इसपर खासा ध्यानकेंद्रित करने की जरूरत है.

कई लोग सुसाइड के बारे में सोचना शुरु कर देते हैं. वे आपसे इस तरह की बातें करने लगते हैं कि उनकी इच्छा होने लगी है कि वे जिंदगी को खत्म कर लें.

अचानक से जानलेवा दवाइयों की खरीदारी करना, रस्सी खरीदना, हथियार लाना या फिर जहर आदि खरीदना सुसाइड का लक्षण है.

कई बार सुसाइड करने से पहले व्यक्ति अपने करीबियों या दोस्तों से बातें करते हुए कहते हैं कि वे बंद-बंद महसूस करने लगे हैं और किसी मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता उन्हें सिर्फ मृत्यु लगने लगा है. आपको अपने दोस्त की इस तरह की बातों को हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए.

अपने करीबियों को बिना किसी बात के अलविदा कहना या अपनी कीमती चीजों को दोस्तों व घरवालों को हमेशा के लिए देने लगना. यह भी सुसाइड का लक्षण हो सकता है.

अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण अपने करीबी व्यक्ति में दिखने लगा है तो उससे बात करें, उसे समझाने की कोशिश करें और हो सके तो किसी की मदद लें. सुसाइड के बारे में बात करने पर वह व्यक्ति सुसाइड करने के लिए अपना मन नहीं बनाएगा बल्कि खुद को रोक लेगा. आपकी समझदारी और सांत्वना किसी का जीवन बचा सकती है.