नई दिल्ली. ज्योतिष शास्त्र में यह बताया गया है कि मनुष्य को कभी भी अपने पैरों को पूर्व या दक्षिण की दिशा में करके नहीं सोना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इन दिशाओं की ओर पैर करने से मनुष्य का शारीरिक और मानसिक सेहत खराब होती है. मनुष्य को दिशाओं का ध्यान रखते हुए अपने क्रियाकलापों को अंजाम देना चाहिए. खाते समय, सोते समय या किसी शुभ कार्य के लिए बाहर जाते समय दिशाओं का ध्यान रखना आवश्यक है.

दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है. इसलिए लोगों को दक्षिण की तरफ पैर और उत्तर की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए. इस अवस्था में शव को रखा जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह बताया गया है कि दक्षिण की ओर पैर करके सोने से आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है क्योंकि दक्षिण दिशा में दक्षिणी ध्रुव होता है. जिसका मनुष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

किसी भी मनुष्य को पूर्व दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि ऊर्जा का संचार पूर्व से पश्चिम की ओर होता है. ऊर्जा के भाव के विपरीत सोना अशुभ है. इससे लोगों के अंदर हमेशा नकारात्मक विचारों का संचार होता रहता है. शरीर में निराशा और आलस्य बढ़ जाता है. व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है. उसके अंदर उत्साह और उमंग की कमी हो जाती है.

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पूर्व दिशा की ओर पैर करके सोने से सूर्य देव का अपमान होता है. दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से मंगल दोष उत्पन्न हो जाता है और याददाश्त कमजोर हो जाती है. पूर्व की ओर सिर करके सोने से सूर्य की पहली किरण का असर हमारे मन मस्तिष्क पर होता है. हमारे अंदर चेतना जागृत होती है.