
नई दिल्ली। सरकार की ओर से चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) सबसे पॉपुलर स्कीमों में से एक है। इसमें आप केवल 500 रुपये प्रतिवर्ष का निवेश कर लाभ उठा सकते हैं, लेकिन कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग लगातार योगदान नहीं कर पाते हैं और उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। ऐसे में इसे दोबारा से शुरू कराना होता है, जिसके बारे में हम अपनी रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।
अगर आप अपने पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 500 रुपये वार्षिक जमा नहीं कर पाते हैं, तो फिर आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। हालांकि, इनएक्टिव होने के बाद भी आपके पीपीएफ अकाउंट पर हर साल ब्याज मिलता रहता है।
पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव होने के कारण काफी सारे नुकसान होते हैं। जितने साल आपका अकाउंट बंद रहता है, उतने साल का आपको जुर्माना भरना पड़ता है। साथ ही आपको पीपीएफ पर लोन भी नहीं मिलता है।
अगर आप अपना पीपीएफ अकाउंट एक्टिव या फिर दोबारा से शुरू कराने चाहते हैं, तो फिर इसके लिए आपको अपनी नजदीकी ब्रांच या फिर पोस्ट में जाना होगा। फिर वहां इसके लिए एक आवेदन देना होगा। साथ ही जितने साल का पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव था, उसके गुणज में 500 रुपये + 50 रुपये का जुर्माना भरना होगा।
उदाहरण के लिए आपका पीपीएफ अकाउंट चार साल के लिए बंद था, तो आपके (500*4) 2000 रुपये और (50*4) 200 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके साथ आपको चालू वित्त वर्ष के लिए भी पीपीएफ का योगदान न्यूनतम 500 रुपये देना होगा।
अगर आपको पीपीएफ अकाउंट को खुलवाए हुए 15 साल से अधिक का समय हो चुका है, तो अकाउंट दोबारा एक्टिव नहीं हो पाएगा।
पीपीएफ निवेश की काफी अच्छी योजना है और ब्याज भी अक्सर एफडी के मुकाबले कुछ अधिक रहता है। मौजूदा समय में सरकार की ओर से पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। इसमें निवेश करने पर एक व्यक्ति इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलती है।
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