नई दिल्ली। पिछले कुछ सप्ताह में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं. बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और इस बीच डेंगू भी कहर बरपा रहा है. डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है, जो वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैल जाता है. डेंगू होने पर अगर सही समय पर इलाज न कराया जाए तो मरीज की जान जा सकती है. कुछ लोग बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं, लेकिन डेंगू होने पर ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है और प्लेटलेट काउंट तेजी से घट सकता है. प्लेटलेट कम होने पर इंटरनल ब्लीडिंग समेत कई खतरे पैदा हो जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि डेंगू होने पर कौन सी दवा लेना सुरक्षित होता है और किन दवाओं से बचना चाहिए. इन सवालों के जवाब एक्सपर्ट से जान लेते हैं.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के अनुसार डेंगू एक वायरल फीवर है और इसके लक्षण बेहद सामान्य होते हैं. यह एडीज एजेप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन के बाद इसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं. डेंगू होने पर प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है. लक्षण दिखने पर लोगों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना चाहिए. डॉक्टर की सलाह के बिना घर पर ट्रीटमेंट करना जानलेवा साबित हो सकता है.
लक्षण
– तेज बुखार
– शरीर में दर्द
– सिरदर्द होना
– उल्टी आना
– पेट में दर्द
– वीकनेस होना
– ज्यादा थकान
– प्लेटलेट कम होना
डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू में पैरासिटामोल का इस्तेमाल सबसे सुरक्षित माना जाता है. यह दवा बुखार को कम करने के साथ बॉडी पेन से राहत दिला सकती है. लोगों को वजन के अनुसार इसकी डोज लेनी चाहिए. कुछ लोग शरीर में दर्द, सिर दर्द, पेट दर्द जैसी दवा लेते हैं, लेकिन इससे इंटरनल ब्लीडिंग होने के साथ प्लेटलेट काउंट तेजी से गिर सकता है. खास बात यह है कि डेंगू एक वायरल फीवर है और इसमें एंटीबायोटिक दवा भी नहीं लेनी चाहिए. इससे भी प्लेटलेट काउंट कम होने का खतरा बढ़ जाता है. इन दवाओं से लिवर डिसऑर्डर भी हो सकता है. आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही कुछ दवाइयों को ले सकते हैं.
डॉक्टर के मुताबिक स्वस्थ लोगों में प्लेटलेट काउंट 1.5 लाख से 4 लाख के बीच होता है. डेंगू होने पर प्लेटलेट तेजी से कम होते हैं और कई बार कंडीशन सीरियस हो जाती है. प्लेटलेट कम होने पर ब्रेन समेत शरीर के कई हिस्सों में इंटरनल ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है. महिलाओं में मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग भी हो सकती है. इसके अलावा प्लेटलेट्स घटने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है और लिवर का साइज बढ़ जाता है. गलत दवाइयों का सेवन करने से लिवर की परेशानी ज्यादा बढ़ सकती है.