बचपन से लेकर आजतक हम सभी ने कभी न कभी नागमणि के किस्से सुने ही होंगे। इसे लेकर अक्सर हमारे मन में कई सारे सवाल उमड़ते रहते हैं। नागमणि पर कई फिल्में भी बनी हैं, जिन्हें हमने कभी न कभी तो देखा ही है। साथ ही, हमारे पुराणों में भी इस नागमणि को लेकर कई सारी बातें बताई गई हैं।
कहते हैं कि जिस व्यक्ति के हाथ ये नागमणि लग जाए, उस व्यक्ति की किस्मत चमक जाती है। हालांकि, इन सबसे परे नागमणि का रहस्य अब तक रहस्य ही है। ये होती भी है या नहीं, इसके बारे में आज तक पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। आज हम आपको नागमणि से जुड़े 10 रहस्य बताने वाले हैं।
हिंदू पुराणों के अनुसार दुनिया में नागमणि के होने का उल्लेख है। हालांकि, नागमणि धारण करने वाले नाग इतने दुर्लभ हैं कि शायद ही उन्हें किसी ने देखा हो।
बृहत्संहिता ग्रंथ में नागमणि को लेकर कई रहस्य खोले गए हैं। मालूम हो कि नागमणि को सर्प मणि भी कहा जाता है।
कहते हैं कि नागमणि सर्प के सिर पर होती है। हालांकि, इस तरह के सांप दुनिया में दुर्लभ ही पाए जाते हैं।
नागमणि में इतनी चमक होती है कि उसकी रोशनी दूर तक फैलती है। इसके साथ ही देखने वाले व्यक्ति की आंखें भी चौंधिया जाती हैं।
कहा जाता है कि नागमणि मोर के गले जैसी सुंदर होती है। वहीं, इसकी चमक की तुलना आग से की गई है।
नागमणि के प्रभाव की बात करें तो ये किसी के हाथ लग जाए तो किस्मत बदल सकती है। वहीं,
इसके ठीक से न संभाल पाने वाले व्यक्ति का जीवन भी बर्बाद हो सकता है।
इसके साथ ही ये कहा जाता है कि नागमणि पर नाग के विष का प्रभाव नहीं होता है।
कहा जाता है कि पहले जमाने में जिस राजा के पास ये मणि होती थी, उसकी सब मनोकामना पूर्ण होती थी। उसे अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती थी।
नागमणि के निर्माण को लेकर कहते हैं कि जब नाग के मुंह में पानी की बूंद जाती है तब वही मणि बनती है। हालांकि इस बात की पुष्टि कहीं नहीं मिलती है।
पारस मणि, नागमणि, चंद्रकांता मणि, भीष्मक मणि और तैल मणि का ग्रंथों में विशेष महत्व है।