मुजफ्फरनगर। पॉक्सो कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में एक डाक्टर को दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया है। वहीं कोर्ट में झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर युवती के पिता पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। वर्ष 2022 में पिता ने उसकी बेटी से दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शहर कोतवाली में पीड़िता के पिता ने 21 मई 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि डॉक्टर मुरसलीम निवासी बिलासपुर उनके पड़ोस में क्लीनिक चलाता है। आरोप था कि उसने बेटी को फोन पर रात्रि में क्लीनिक पर बुलाया था। उसकी बेटी ने क्लीनिक पर जाने से इंकार किया तो डॉक्टर ने उसकी बेटी के अश्लील फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। फोटो व वीडियो वायरल होने की जानकारी मिलते ही उसने बेटी से पूछा तो उसने बताया कि पिछले तीन साल से डॉक्टर उसका शोषण करते हुए दुष्कर्म कर रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट बाबूराम की कोर्ट में हुई। अभियोजन के अनुसार कोर्ट में वादी मुकदमा व पीड़िता ने दुष्कर्म की घटना से इंकार कर दिया। साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने डॉक्टर को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट में झूठे साक्ष्य देने पर कोर्ट ने वादी पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए है।