नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी को लेकर एक अजीब वाक्या सामने आया है। इस मामले ने सभी लोगों को हैरत में डाल दिया है। दरअसल, भोपाल के जेके अस्पताल में एक नर्स कोरोना संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर की जगह नॉर्मल इंजेक्शन लगाकर उसे चुरा लेती थी। इसके बाद ये नर्स चोरी किए हुए रेमडेसिविर को अपने प्रेमी के जरिए ब्लैक में बिकवाती थी।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की इस चोरी का खुलासा तब हुआ, जब कोलार पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर एक युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, जेके अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ शालिनी और दानिशकुंज निवासी झलकन सिंह प्रेमी-प्रेमिका हैं। शालिनी अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी कर अपने प्रेमी को ब्लैक में बेचने के लिए देती थी। हालांकि, इस घटना के खुलासे के बाद से ही आरोपी नर्स फरार है।
झलकन सिंह ने पुलिस से पुछताछ में बताया कि अस्पताल में शालिनी मरीजों को रेमडेसिविर की जगह अन्य नॉर्मल इंजेक्शन लगा देती थी। इसके बाद वो रेमडेसिविर इंजेक्शन झलकन को देती थी। झलकन इस इंजेक्शन को बाजार में 20 से 30 हजार रुपए में बेचता था। आरोपी झलकन सिंह ने बताया कि उसने जेके अस्पताल के ही डॉक्टर शुभम पटेरिया को भी ये इंजेक्शन 13 हजार रुपए में बेचा है।
खबरों के मुताबिक, जेके अस्पताल में एडमिट एक मरीज के परिजन ने झलकन सिंह से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए डील किया था। लेकिन कीमत को लेकर खींचतान चल रही थी। इसी बीच मरीज की मौत हो गई। ऐसे में मरीज के नाराज परिजनों ने गोपनीय तरीके से रेमडेसिविर की कालाबाजारी की सूचना पुलिस तक पहुंचाई। सूचना के बाद से पुलिस झलकन सिंह पर नजर बनाए हुए थी। सके जेब में इंजेक्शन होने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद तत्काल उसकी घेराबंदी हुई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि, मामले की आरोपी नर्स शालिनी वर्मा अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 389, 269, 270 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपियों पर रासुका लगाई जाएगी।