मुजफ्फरनगर। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला चिकित्सालय में ज्वर सहायता केंद्र खोल दिया गया है। इसमें मरीजों की डेंगू और मलेरिया की जांच की जाएगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर डेंगू वार्ड भी बनाया गया है। वार्ड में भर्ती मरीजों को मच्छरदानी में लिटाए जाने की व्यवस्था की गई है।
जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही ज्वर सहायता केंद्र खोला गया, ताकि डेंगू और मलेरिया की जांच यहां भी कराई जा सके। यहां आने वाले मरीजों को जागरूक भी किया जा रहा है। बचाव के तौर तरीके बताए जा रहे हैं। फिलहाल जिला चिकित्सालय में डेंगू के पांच मरीज भर्ती है। इसके अलावा वायरल बुखार के कई मरीज भर्ती है। डेंगू वार्ड के सभी बेड फुल हैं।
डेंगू के मच्छर का डंक अब तक 24 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। वायरल बुखार के बीच डेंगू ने सबसे जुलाई माह में दस्तक दी थी। जुलाई में दो मरीज मिलने के बाद, अगस्त माह में एक के बाद एक 11 मरीज डेंगू पॉजीटिव हुए। पहली सितंबर को ही डेंगू के दो मरीज पॉजीटिव पाए गए थे। इसके बाद एक और फिर दो दिन तक लगातार दो-दो मरीज पॉजीटिव मिले। बुधवार को एक साथ चार मरीज डेंगू पॉजीटिव पाए गए। डेंगू की बढ़ती रफ्तार को देख स्वास्थ्य विभाग और भी अलर्ट हो गया।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर घर के अंदर पनपता है और दिन में ही काटता है। जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह का कहना है कि लोगों को रोजाना घर के अंदर देखना चाहिए कि कहीं उनके घर में किसी जगह पानी तो इकट्ठा नहीं है। कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पानी का बर्तन से रोजाना पानी बदलना चाहिए।
यह हैं डेंगू के लक्षण
– अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार होना।
– मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।
– आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है।
– जी मिचलाना एवं उल्टी होना।
– गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते उभरना।
इन बातों का रखें खास ख्याल
– कूलर एवं पानी की टंकियों को खाली कर साफ करें।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।
– घरों या आसपास जहां कहीं भी रुका व ठहरा पानी हो, उसे सुखा दें।
– गमलों के नीचे रखे बर्तनों में से पानी को नियमित सुखाएं
– पानी की टंकी के ढक्कन बंद रखें और सप्ताह में एक दिन इसको खाली करें।
– पुराने टायर, बर्तनों को हटा दें या फिर उनमें इकट्ठा पानी को सुखा दें।
– दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं।
– पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर रखें।