उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में चेकिंग के दौरान अधिकारियों ने फर्जी दिव्यांग पास बरामद कर एक युवक को पकड़ लिया। जिस युवक ने फर्जी पास बनाकर दिया था, उसे भी फर्जी पास के साथ पकड़ा गया है। दोनों युवकों को पुलिस को सौंप दिया है।
19 नवंबर की दोपहर परिवहन निगम के सहायक यातायात निरीक्षक याकूब अली एवं केके शर्मा ने मुजफ्फरनगर शामली बाईपास मार्ग पर शामली से आ रही अनुबंधित बस संख्या यूपी 12 टी-1136 का निरीक्षण किया। बस में सवार एक यात्री अजय मलिक के पास दिव्यांग का पास था। यात्री को देखने से ऐसा लग रहा था कि वह दिव्यांग नहीं हैं। गहनता से जांच करने पर पाया कि यह पास फर्जी है।
वहीं युवक का पास कब्जे में लेकर टीम आरोपी युवक को रोडवेज डिपो कार्यालय ले आई। युवक से पूछताछ की गई तो पता चला कि अश्वनी बालियान नामक व्यक्ति ने 1700 रुपये में दिव्यांग का परिचय पत्र बनाया है। अश्वनी बालियान को भी टेलीफोन कर डिपो कार्यालय पर बुलवाया गया। दोनों की वीडियो बनाई गई। वीडियो में अश्विनी बालियान ने स्वीकार किया कि उसने अजय मलिक से 1700 रुपये लेकर फर्जी दिव्यांग पास बनाया था। अश्वनी बालियान के पास भी दिव्यांग पास बरामद हुआ। दोनों ही युवक दिव्यांग नहीं है। दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
चेकिंग के दौरान बस में एक युवक से फर्जी दिव्यांग पास मिला था। युवक के बताने पर उसके साथी को बुलाकर पूछताछ की गई तो उसके पास भी ऐसा ही फर्जी पास मिला। जबकि दोनों ही दिव्यांग नहीं थे। दोनों में एक युवक ने फर्जी दिव्यांग पास बनाए है। इससे लगता है कि और भी फर्जी पास बनाए गए हैं। दोनों आरोपियों को पुलिस को सौंपते हुए तहरीर दे दी गई है।