शाहपुर। सहकारी समिति में गबन के पुराने मामले का निस्तारण किसानों के हित में होने के बावजूद लेनदेन बंद कर दिया गया। नाराज किसानों ने समिति की तालाबंदी कर अधिकारियों को अपने बीच में बैठाया। तेज धूप के चलते दो किसानों की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद एडीओ कोऑपरेटिव ने किसानों को दो दिन में समस्या का समाधान करने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया।
कस्बे में स्थित सहकारी समिति से कस्बे के अलावा गांव दुल्हेरा व गढ़ी बहादुरपुर के किसान लेनदेन करते हैं। गबन के मामले में सहारनपुर मंडल के डीआर कोआपरेटिव के निर्णय के पांच साल बीत जाने के बाद भी समिति से जुड़े 75 किसान समिति से लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने बुधवार को सहकारी समिति के कार्यालय पर पहुंचे और समिति की तालाबंदी कर धरना देकर बैठ गए। किसानों ने समिति के अकाउंटेंट सहित अन्य कर्मचारियों को भी अपने बीच में बैठा लिया।
सूचना पर एडीओ कोऑपरेटिव श्यामलाल किसानों के बीच पहुंचे तो गुस्साए किसानों ने उन्हें भी अपने बीच में बैठा लिया। किसानों ने कहा कि जब तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने पर मौजूद गांव दुल्हेरा के गांव प्रधान अरविंद चौधरी ने जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन रामनाथ ठाकुर से फोन पर वार्ता कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया। धरने पर किसान कालूराम व ऋषिपाल की तबीयत बिगड़ गई। अधिकारियों ने दोनों का सीएचसी में उपचार कराया। धरने पर मौजूद एडीओ कोऑपरेटिव ने सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता से वार्ता कर किसानों को लिखित में आश्वासन दिया कि दो दिन में किसानों की समस्याओं का समाधान करा दिया जाएगा। जिसके बाद किसानों ने धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया। धरने पर यशपाल सिंह, संजीव बालियान, पूर्व प्रधान कालूराम, रमेश सिंह, सुनील कुमार, विपिन, ऋषिपाल सिंह, वीरेश पाल, हर्षित, राहुल, ओंकार सिंह आदि मौजूद रहे।
ये था मामला
एक दशक पूर्व समिति के तत्कालीन सचिव व जिला सहकारी बैंक की शाखा के तत्कालीन कर्मचारियों ने मिली भगत कर किसानों पर ऋण दर्शाकर गबन कर लिया था, जब किसानों पर बैंक की शाखा का बकाया जमा करने हेतु नोटिस पहुंचा, तो किसानों को इसके बारे में पता चला। किसानों ने इसकी शिकायत सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता मुजफ्फरनगर व उपायुक्त एवं उपनिबंधक सहकारिता सहारनपुर से की थी। इसके बाद जांच समिति गठित की गई, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को दी। किसान हरबीर सिंह ने बताया कि इसके बाद उपायुक्त व उप निबंधक सहकारिता सहारनपुर ने किसानों के हक में निर्णय देते हुए तत्कालीन सचिव व तत्कालीन बैंक शाखा कर्मचारियों को दोषी पाते हुए उनसे रिकवरी करने के आदेश दिए थे।